सरस डेयरी की बड़ी चूक, खराब पानी मिलाने से दूध हो रहा लाल
डेयरी ने माना चूक हुई, गड़बड़ी को ठीक कर लिया
शहर में किसी ने कहा दूध फट गया, किसी ने कहा लाल हो गया।
कोटा। कोटा सरस डेयरी मैं तैयार किए जा रहे दूध में संस्थान की बड़ी चूक सामने आई है। डेयरी के कारिन्दों ने गंदे पानी को ट्यूबवैल के जरिए छोड़ दिया। इस दूध को सप्लाई भी कर दिया गया। बाद में उपभोक्ताओं की शिकायत सामने आने पर आनन फानन में मीटिंग बुलाकर कारणों की जांच की गई। इधर उपभोक्ताओं ने बताया कि दो दिन से दूध को गर्म करने पर वह नारंगी जैसे रंग का नजर आ रहा है। कई उपभोक्ताओं ने दूध फटने की भी शिकायत की है। हालांकि इस गड़बड़ी को एक ही दिन में ठीक कर लिया बताते हैं। कोटा सरस डेयरी में दूध की शुद्धता के लिए आधुनिक मशीन और पूरा टेस्टिंग विभाग बना हुआ है। उसके बावजूद पिछले दो दिन से दूध के रंग बदलने की शिकायतें आने से इसकी शुद्धता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। डेयरी मिल्क पशुपालकों से इकट्ठा होने के बाद आपके घर तक पैकेट के जरिए पहुंचता है। उसके बावजूद दूध का रंग चेज होना सिस्टम में खामियों को उजागर कर रहा है। इस बारे में डेयरी चैयरमेन चेनसिंह ने बताया कि कोटा डेयरी में हाल में एक नया ट्यूबवैल लगाया है। गलती से उसका पानी उपयोग में लिया गया है। इसके चलते यह समस्या आ रही है। दो दिन तक बिना फिल्टर पानी का दूध में शामिल होने से गुणवत्ता पर असर पड़ा है। डॉक्टरों का कहना है कि पहले ही मानसून सक्रिय होने से पेट जननित बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं। ऐसे ऐसा दूध पीने से पेट दर्द और दस्त की शिकायत होने की संभावना रहती है।
इन मानको से होकर गुजरता है दूध फिर भी हुई गड़बड़
सरस डेयरी प्रबंधक दिलकुश मीणा ने बताया कि सरस दूध को पैकेट में पैक करने से पहले कई मानकों पर जांच किया जाता है। जिससे दूध की गुणवत्ता निर्धारित होती है। आम परीक्षण सोमैटिक सेल काउंट (एससीसी), स्टैंडर्ड प्लेट काउंट (एसपीसी), प्रारंभिक ऊष्मायन गणना (पीआईसी), लैब पाश्चुरीकृत गणना (एलपीसी) और कोलीफॉर्म गणना हैं। डेयरी के पानी सप्लाई वाले सेक्शन में छोटी तकनीकी खराबी आई थी उसके ठीक कर लिया गया है। दूध में किसी प्रकार कोई गड़बड़ नहीं है। पूरी तरह गुणवत्ता युक्त है।
दो तीन दिन से दूध गर्म करते हल्का लाल रंग का हो रहा
पिछले दो तीन दिन से सरस दूध की नीली थैली का दूध को गर्म करने पर उसका रंग हल्का लाल रंग का हो रहा है। इसकी शिकायत डेयरी बूथ वाले से भी की लेकिन वो भी संतोषप्रद जबाव नहीं दे सका । बच्चे दूध का कलर देखकर नहीं पी रहे है। अभी चाय और कॉफी इसका उपयोग ले रहे हैं।
-सोनू कंवर, गृहणी निवासी कुन्हाडी
शिकायत आने पर दूध के लेंगे सैंपल
सरस दूध में किसी प्रकार कोई खराबी आ रही है तो इसका सैंपल लिया जाएगा। डेयरी में दूध की गुणवत्ता को लेकर आधुनिक मशीनें लगी हुई है। फिर भी दूध में लाल रंग की शिकायत पर इसके नमूने लेकर जांच की जाएगी।
-संदीप अग्रवाल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी कोटा
डाक्टर कहते हैं
डेयरी का दूध वैसे तो पाश्चयुरीकृत होता है। इसके प्रोसेस के दौरान फिल्टर पानी का प्रयोग नहीं करने से या अन्य कोई पदार्थ दूध में यदि मिल जाता है तो दस्त की शिकायत और पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। पेट में मरोड उठ सकते हंै। दूध के गर्म करने पर लाल रंग का हो रहा है तो इसकी गुणवत्ता कहीं ना कहीं प्रभावित हुई है। जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।
-डॉ. ओपी मीणा, फिजिशियन
इनका कहना
सरस की नीले पैकेट वाले पैकेट में गर्म करने के बाद दूध का रंग लाल होने की शिकायत आ रही थी उसको लेकर गुरुवार को बैठक ली है। इसमें एक नए बोरिंग का पानी आ गया था जिससे यह समस्या आई थी उसको बंद कर दिया। अब दूसरे बोरिंग से पानी ले रहे हंै। डेयरी में दो बोरिंग है एक पानी कम होने से किसी ने दूसरे बोरिंग का पानी चालू कर दिया था जो फिल्टर नहीं हुआ । डायरेक्ट वॉल खोलने से यह समस्या आई। इसको जांच कर ठीक कर दिया गया है।
-चैनसिंह, डेयरी चेयरमैन सरस डेयरी कोटा
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