हर मर्ज की दवा बनकर उभरा है नया उपभोक्ता कानून

धोखाधड़ी और सेवा दोष की अब घर बैठे हो सकती है शिकायत

हर मर्ज की दवा बनकर उभरा है नया उपभोक्ता कानून

दस करोड़ तक क्षतिपूर्ति मांग सकता है उपभोक्ता।

कोटा।  केस 1 - स्टेशन निवासी महिला(उज्ज्वला) उपभोक्ता ने विवाह के समय ब्राइडल मेकअप करवाया था। ब्यूटी पार्लर मालकिन ने उसका ऐसा मेकअप किया कि  पूरी त्वचा खराब हो गई और शादी के निर्धारित समय पर भी वह नहीं पहुंच पाई।  खुद के विवाह में उसे समय पर नहीं पहुंचने और खराब मेकअप के कारण कापी परेशानी हुई। उसने लगभग 12 लाख रुपए क्षतिपूर्ति का केस लगाया। वह केस अब स्थानीय स्तर पर ही चल रहा है। यदि पिछला समय होता तो यह केस वह कोटा में कर ही नहीं सकती थी। 

केस 2 - अनन्तपुरा निवासी गिरजेश पटेल ने विदेश  यात्रा जाने से पहले फ्लाइट में अपना सामान सुरक्षित रहे औैर विदेश में भी सामान गुम नहीं हो। इसके लिए उसने आॅन लाइन बीमा कराया। बीमा कंपनी बंगलौर की थी। फ्लाइट दिल्ली से थी। जरूरत पड़ने पर गिरजेश पटेल कोटा में ही रहकर किसी भी तरह का केस बीमा कंपनी पर करने में सक्षम थे। हालांकि इसकी उन्हें जरूर नहीं पडी। उपभोक्ता कानून में परिवर्तन के बाद उपभोक्ताओं को मिलने वाली सुविधाओं में भारी इजाफा हुआ है। 

यह वह दो केस हैं जो उपभोक्ताओं के लिए नया कानून बनने् से मिलने वाली राहत को दर्शाते है। अब उभोक्ताओं को बाजार में दुकानदार,  कंपनीं, आॅन लाइन माल बेचने वाली कंपनी द्वारा की जा रही धोखाधड़ी से निजात मिलने लगी है। इससे उपभोक्ताओं के सिविल कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। उपभोक्ता एक करोड़ रुपए तक क्षतिपूर्ति के लिए स्थानीय स्तर पर ही केस दाखिल कर सकता है। इतना ही नहीं अब वह आॅन लाइन भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है।  उनकी सुनवाई जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में हो सकेंगी। 

यह है कानून में संशोधन
- अब तक जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष अदालत में दस लाख रुपए तक की सुनवाई हो सकती थी, जिसको बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया है। जिससे उपभोक्ताओं को अब सिविल कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। 
- राज्य बैंच का गठन जिला स्तर पर होने से अब यहींं पर अपील की सुविधा मिल रही है। 
- दस करोड़ रुपए तक सुनवाई अब यही हो रही है। जिससे उपभोक्ताओं को कम समय में न्याय मिल रहा है।
- आॅन लाइन शिकायत की सुविधा  मिलने से उपभोक्ता घर बैठे शिकायत दर्ज कर सकता  है। 

Read More रोडवेज प्रशासन का बड़ा फैसला, 200 इलेक्ट्रिक बसें अनुबंध पर लेने का निर्णय

इनका कहना है 
अब जिला आयोग, राज्य आयोग और राष्टÑीय आयोग में 2 वर्ष के भीतर केस  को स्वीकार करने का अधिकर है। जबकि पहले ऐसा नहीं था। इससे उपभोक्ताओं राहत का मार्ग प्रसस्त हुआ है।  2019 के बाद  अपील को जल्दी सुनने की कार्रवाई शुरू की गई है ।  90 दिवस के अंदर फाइल का निस्तारण किया जाता है। अब रेलवे, वायु सेवा, सड़क सेवा पर्यटन, विदेश घुमाने वाली एजेंसियां भी दायरे में आ गई है। 
- इंद्र मोहन सिंह हनी, वरिष्ठ उपभोक्ता एडवोकेट

Read More चुनाव के समय नियुक्ति वाले पदाधिकारियों को फील्ड में उतारेगी कांग्रेस

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 पिछले कानून से ज्यादा सशक्त, व्यापक एवं उपभोक्ता कल्याणकारी है। यह उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक करने और एक उपभोक्ता के रूप में सामान, सेवा या अन्य आदान-प्रदान में आने वाली समस्याओं से रक्षा कर उसे सशक्त बनाने में अग्रणी  है। 
- रामफूल गुर्जर  सदस्य  राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जयपुर 

Read More फुलपुरी माइको सिंचाई परियोजना के लिए अवाप्त होगी भूमि, जल संसाधन विभाग ने की शुरुआत

पहले की अपेक्षा कानून की प्रक्रिया में बदलाव हुआ है, इसका उपभोक्ताओं  पर  असर नजर भी दिख रहा है। ई कॉमर्स जुडने के बाद भी  केस जनसंख्या के हिसाब से ही बढ़ रहे हैं । लोगों में जागरुकता का भी असर दिखाई दे रहा है। 
- संजीव कुमार जैन, एडवोकेट  

वर्ष 2019 में उपभोक्ता एक्ट बनाया गया था और इसे 20 जुलाई 2020 में लागू किया गया था। इसके बाद से राज्य मंच पर अपीलों में भी इजाफा हुआ है। राज्य बैंच में पचास फीसदी कैसों को सोल्व किया गया है। पैंडेसी में कमी  आई है। कानून से सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। 
- अजय कुमार, राज्य बैंच सर्किट कोटा 

उपभोक्ता कानून में इतनी सरलता आ गई है कि उपभोक्ता को घर बैठे न्याय मिल रहा है, पहले ऐसा नहीं होता था।  ई कॉमर्स को भी इससे जोड़ दिया गया।  माल को डिलेवरी करने वाली एजेंसी को भी उत्तरदायी  बनाया गया  है। 
- अशोक शर्मा, जज, राज्य आयोग बैंच

Post Comment

Comment List

Latest News

आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जमानत शर्तों में दी ढील आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जमानत शर्तों में दी ढील
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उन्हें नियमित रूप से निचली अदालत में उपस्थित होना चाहिए।
राज्य में कमजोर होती कानून-व्यवस्था का नमूना है दलित युवक की हत्या, प्रकरण में अविलम्ब कार्रवाई करे सरकार : गहलोत
चुनाव के समय नियुक्ति वाले पदाधिकारियों को फील्ड में उतारेगी कांग्रेस
पुलिस हिरासत से 2 आरोपियों के भागने का मामला : एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरे की तलाश जारी
लोकसभा में रेल संशोधन विधेयक पारित, अश्विनी वैष्णव बोले, अधिकारियों को ज्यादा शक्ति देने लिए बनाया कानून
फिनग्रोथ को-ऑपरेटिव बैंक की 27वीं शाखा का शुभारम्भ
समस्या: नलों में कब आएगा पानी ? इसकी कोई गारंटी नहीं