उपचुनाव में हार के डर से बौखलाए भाजपा के मंत्री, इनका लोकतंत्र में नहीं है भरोसा : जूली
लोकतंत्र में जनता जर्नादन होती है
जुमलों की राजनीति ज्यादा समय तक नहीं चलती। जलदाय मंत्री कह रहे हैं कि राज्य में लोकसभा सीटें हारने पर प्रधानमंत्री मोदी खुश नहीं हुए थे।
जयपुर। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव में अपनी हार सामने देख भाजपा को लोकसभा चुनाव में राज्य में हुई पराजय दिखने लगी है और सातों सीटों पर उप- चुनाव में हारने जा रही भाजपा अभी से बहाने खोजने लगी है। जूली ने कहा कि अपनी भावी पराजय के दबाव से भाजपा के मंत्री नेता बौखला गए हैं। इसके साथ ही जलदाय मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की बात कहकर इशारा कर दिया है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है। भाजपा भूल गयी है कि लोकतंत्र में जनता जर्नादन होती है और जुमलों की राजनीति ज्यादा समय तक नहीं चलती। जलदाय मंत्री कह रहे हैं कि राज्य में लोकसभा सीटें हारने पर प्रधानमंत्री मोदी खुश नहीं हुए थे।
जलदाय मंत्री यह भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने कहा कि इतना पैसा देने के बाद भी भाजपा को सीटों का नुकसान हुआ। जलदाय मंत्री का यह बयान दर्शाता है कि भाजपा का लोकतंत्र में भरोसा नहीं है। वह सरकारी खजाने के जरिए चुनाव जीतना चाहती थी, लेकिन राजस्थान की स्वाभिमानी जनता प्रधानमंत्री मोदी के लुभावने जुमलों में नहीं आयी। राजस्थान स्वाभिमान का पर्याय है। यहां के किसान और युवा अग्निवीर योजना के जरिए युवाओं के साथ खिलवाड़, ईआरसीपी के नाम पर प्रदेश की जनता से छलावा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद करने की भाजपा सरकार की कोशिशों, बेरोजगारों से छलावा, महिला उत्पीड़न, दलित और आदिवासी समाज की उपेक्षा, प्रदेश में बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार आदि वजह से खफा थे और जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाया।
अब एक बार फिर सातों विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव में सबक सिखायेगी। भाजपा ने प्रदेश में सरकार में आने के बाद दिल्ली की पर्ची से प्रदेश में राज चलाने की कोशिश की। सरकार को सर्कस बना दिया। यू-टर्न सरकार की सबसे पसंदीदा नीति बन गयी है। भाजपा ने सरकार बनने के बाद जो 100 दिन की कार्ययोजना बनाई थी, वह धरातल पर नहीं उतरी। भाजपा में अंर्तकलह चरम पर है और सत्तारूढ़ दल के विधायक तक कह रहे हैं कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। अगर प्रधानमंत्री मोदी इन तथ्यों पर ध्यान दें, तो उन्हें मालूम चल जाएगा कि राजस्थान में भाजपा सरकार इतनी अलोकप्रिय क्यों हो गयी है। प्रदेश के सभी वर्गों का भाजपा पर से भरोसा नहीं रहा है।
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