आजादी के 77 साल बाद भी गांवों में सफाई व्यवस्था बदहाल

अरनेठा और आसपास के गांवों में जगह-जगह लग रहे कचरे के ढेर

आजादी के 77 साल बाद भी गांवों में सफाई व्यवस्था बदहाल

जिला प्रशासन को चाहिए कि सफाई व्यवस्था में सुधार कर समय पर कचरा उठाने का कुशल प्रबंध करावें।

अरनेठा। उपखंड क्षेत्र के गांव में जगह-जगह कचरों के ढेर लग रहे है। आजादी के 77 सालों के बाद भी गांव की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसा नहीं है कि सरकारे इस बारे में कार्य कर नहीं रही है। लाखों रूपए का बजट सरकार सफाई के लिए लगा रही है लेकिन स्थितियां नहीं बदल रही। अरनेठा के नरेंद्र गौतम का कहना है गांव में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे है। समय पर कचरा न उठाने से बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। आजादी को 77 सालों के बाद सफाई व्यवस्था बेपटरी है।  जलोदा के कंहैयालाल मीणा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन योजना की अनदेखी हो रही है। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। जिला प्रशासन को चाहिए कि सफाई व्यवस्था में सुधार कर समय पर कचरा उठाने का कुशल प्रबंध करावें। 

कचरे से पर्यावरण हो रहा प्रदूषित
कूड़ा कचरा अनेक प्रकार के होते हैं फूड वेस्ट, प्लास्टिक, कागज, कपड़े, रासायनिक अवशेष ,कार्यालय कूड़ा ,होटल से बचा अपशिष्ट ,कूड़ा ,पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण , पशु अवशेष ,खराब बैटरी ,सभी कचरा घरों से निकलने वाला कचरा यहां वहां फैला रहता है।औद्योगिक इकाइयों, व्यावसायिक संस्थानों ,निर्माण स्थलों ,सार्वजनिक स्थान, पार्क, उद्यान, जल स्रोत आदि के पास भी कचरे के ढेर लगे रहते है । ग्रामीणों ने बताया अनेक प्रकार की हानियां होती है पर्यावरण प्रदूषण ,स्वास्थ्य समस्याएं ,जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन ,जानवरों की मृत्यु आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। सरकारों को चाहिए रीसाइक्लिंग ,वैज्ञानिक निपटान जागरूकता फैलाये ,समुदाय की भागीदारी, उपयोग की गई वस्तुओं का पुनरुपयोग करके,आदि उपायों द्वारा कूड़ा कचरा कमी ला सकते हैं जिससे हम पर्यावरण को सुरक्षित बना सकते हैं और स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।

इनका कहना है
प्रत्येक गांव में कचरे की भरमार है । जिसके पास जगह है वह अपनी जगह पर डाल देता है । लेकिन जिसके पास जगह नहीं है वह कचरा गली मोहल्ले आदि अन्यत्र स्थान पर पड़ा रहता है एवं अनेक प्रकार की समस्याओं को न्यौता देता रहता हैं । इसका उचित समाधान होना चाहिए । समय समय पर इस मामले को पंचायत समिति की बैठक में भी उठा रहा हूं।  
-देवकिशन मीणा, पंचायत समिति सदस्य केशोरायपाटन 

कचरे को लेकर हर पंचायत  उसका उचित निस्तारण के लिए कार्य कर रही है । समस्या के समाधान को लेकर प्रयास जारी हैं । सरकार की तरफ से गाड़ी भी दी जा रही है । जगह-जगह कचरा पात्र रखवा रहे हैं फिर भी समस्याओं को और ठीक प्रकार से दिखाएंगे और समाधान का प्रयास करेंगे।
-वीरेंद्र सिंह हाड़ा, प्रधान पंचायत समिति केशोरायपाटन 

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गांव में कचरे की गंभीर समस्या हैं। पंचायत में कचरा निस्तारण के लिए एक स्थाई कर्मचारियों के विषय में बात करेंगे । जब मीटिंग होगी इस मुद्दे पर जरूर विस्तृत चर्चा करेंगे । प्रयास करेंगे शहरों की तरह गांव में भी कचरा का उचित निस्तारण हो।
 - चंद्रावती कंवर, जिला प्रमुख जिला परिषद बूंदी 

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