26 सितंबर दुर्गा पूजा से शुरू होगा दशहरे मेले का कार्यक्रम

72 फीट का होगा रावण का पुतला , 2 साल बाद नए अंदाज में नजर आएगा दशहरा मेला ,मेला समिति की बैठक में हुए कई निर्णय

26 सितंबर दुर्गा पूजा से शुरू होगा दशहरे मेले का कार्यक्रम

राष्ट्रीय दशहरा मेला 2022 का आयोजन कोरोना काल के 2 साल बाद 26 सितंबर को दुर्गा पूजा के साथ शुरू होगा। दशहरे पर होने वाले दहन के लिए रावण का पुतला 72 फीट का बनाया जाएगा । यह निर्णय मेला समिति की बुधवार को हुई बैठक में लिया गया।

कोटा। राष्ट्रीय दशहरा मेला 2022 का आयोजन कोरोना काल के 2 साल बाद 26 सितंबर को दुर्गा पूजा के साथ शुरू होगा। दशहरे पर होने वाले दहन के लिए रावण का पुतला 72 फीट का बनाया जाएगा । यह निर्णय मेला समिति की बुधवार को हुई बैठक में लिया गया। नगर निगम के प्रशासनिक भवन स्थित ए ब्लॉक सभागार में मेला समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा की अध्यक्षता में मेला समिति की पहली बैठक आयोजित की गई । जिसमें मेला अधिकारी व अतिरिक्त मेला अधिकारी की नियुक्ति की गई । नगर निगम कोटा उत्तर के उपायुक्त गजेंद्र सिंह को मेला अधिकारी और मुख्य अभियंता प्रेमशंकर शर्मा को अतिरिक्त मेला अधिकारी नियुक्त किया गया। इसके अलावा अधिशासी अभियंता एक्यू कुरैशी और प्रकाश चंद शर्मा को मेला प्रभारी नियुक्त किया गया। बैठक में सभी सदस्यों ,महापौर उपमहापौर ने मेले को भव्यता के साथ आयोजित करने के संबंध में सुझाव दिए । मेले का समापन 21 अक्टूबर को मेले का आयोजन 2 साल बाद किया जा रहा है ऐसे में सुझाव दिया गया कि उसे भव्य व नए रूप में मनाया जाए । इसके लिए रावण के पुतले की लंबाई 75 से 80 फीट करने का सुझाव दिया गया । लेकिन अधिकारियों द्वारा तकनीकी कारणों के चलते यह संभव नहीं होना बताया जिस पर 72 फुट का रावण मनाने का निर्णय लिया गया। साथ ही कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले 50 फीट के बनाए जाएंगे । मेले के कार्यक्रमों का शुभारंभ 26 सितंबर को दुर्गा पूजा के साथ होगा। इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे । मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम ,खेलकूद प्रतियोगिताएं ,बच्चों के कार्यक्रम, महिलाओं के कार्यक्रम होंगे और मेले का समापन 21 अक्टूबर को किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम व आतिशबाजी भी इस अवसर पर की जाएगी । दशहरे मैदान की दुर्दशा सुधारने पर निर्णय मेला आयोजित करने के लिए सबसे पहले दशहरे मैदान की दुर्दशा को सुधारने पर निर्णय हुआ। मेले परिसर में खड़े नगर निगम के वाहनों को हटाने ,वहां से अतिक्रमण हटाने ,घास कटवाने और कच्ची भूमि पर इंटरलॉकिंग करवाने का निर्णय किया गया । समिति सदस्यों ने सुझाव दिया कि मेले में दुकानों का आवंटन संबंधी प्रक्रिया समय पर पूरी की जाए जिससे दुकानदारों को परेशानी नहीं हो। मेले में सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा । मेले आयोजन से संबंधित टेंडर प्रक्रिया को भी शीघ्र पूरा करने पर विचार कर निर्णय किया गया । हालांकि मेला प्रकोष्ठ का अभी तक गठन नहीं किया गया है और पुराने पशु मेला स्थल पर कार्यक्रमों के आयोजन संबंधी भी कोई निर्णय अभी तक नहीं दिया गया है। मेला समिति के सदस्य व उपमहापौर पवन मीणा ने पशु मेला स्थल को देवनारायण योजना में आयोजित करने के साथ ही वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम ,रामलीला और रावण दहन कराने का भी सुझाव दिया जिससे लोगों का जुड़ाव हो सके । बजट बढ़ाकर 8 करोड रुपए किया मेले को नगर निगम कोटा उत्तर - कोटा दक्षिण द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाना है । इसके लिए पूर्व में 7 करोड रुपए का बजट था वहीं इस बार इसे बढ़ाकर 8 करोड रुपए कर दिया गया है। मेला समिति की बैठक के बाद समिति सदस्य अधिकारियों ने दशहरा मैदान स्थल का निरीक्षण किया और वहां की कमियों को देख कर उनमें सुधार के सुझाव दिए। बैठक में मेला समिति की अध्यक्ष व महापौर मंजू मेहरा ,कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल, उपमहापौर सोनू कुरेशी, उपमहापौर पवन मीणा ,नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त वासुदेव मलावत , दक्षिण के आयुक्त राजपाल सिंह, मुख्य अभियंता प्रेम शंकर शर्मा ,अधिशासी अभियंता ,सहायक अभियंता, पार्षद व समिति के सदस्य शामिल हुए।

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