
एलन कोचिंग के छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
छात्र के परिजनों को सूचना दे दी
पुलिस को अभी आत्महत्या करने के कारण का पता नहीं चला है। छात्र एक साल से कोटा में रह कर जेईई मैन्स की तैयारी कर रहा था।
कोटा। महावीर नगर थाना क्षेत्र में एलन कोचिंग के छात्र ने फिर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को न्यू मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखवाया है। छात्र के परिजनों को सूचना दे दी गई है। छात्र के पास पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस को अभी आत्महत्या करने के कारण का पता नहीं चला है। छात्र एक साल से कोटा में रह कर जेईई मैन्स की तैयारी कर रहा था। एएसआईआलम गनी ने बताया कि उप्र के गुन्नौर निवासी हर्षित भारद्वाज (18) पुत्र विष्णुकान्त भारद्वाज पिछले एक साल से दस एफ वन महावीर नगर स्थित एक हॉस्टल में रह रहा था। वह एलन कोचिंग संस्थान से जेईई मैंस की तैयारी कर रहा था। छात्र की मां भी यहीं पर थी। इस बीच देर रात छात्र ने अपने कमरे में किताबों की रैक से फांसी का फंदा लगा लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने छात्र को फंदे से उतारा और अस्पताल लेकर गई। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया है। पुलिस मामले में आत्महत्या के कारणों का पता करने में जुटी है।
साढ़े सात माह में 13 की मृत्यु
उल्लेखनीय है कि एक जनवरी से अब तक एलन कोचिंग संस्थान के 13 छात्रों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें से 11 आत्महत्या कर चुके हैं।
मां गई थी खरीदारी करने
हर्षित की मां सविता भारद्वाज यूपी से कोटा उसके पास आती-जाती रहती थीं। महावीर नगर थाने के घनश्याम मीणा ने बताया कि शुक्रवार देर रात हर्षित की मां सविता भारद्वाज सामान्य खरीदारी के लिए हॉस्टल से बाहर गई थी। उनके बाहर जाने के बाद हर्षित ने फांसी का फंदा लगा लिया।
हॉस्टल का कर दिया था हिसाब
पुलिस ने बताया कि हर्षित और उसकी मां सविता शनिवार को जनशताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली जाने वाले थे। हर्षित का 28 अगस्त को जेईई एडवांस का पेपर था। उन्होंने अपने बैग पैक कर हॉस्टल छोडने की कार्रवाई कर दी थी।
जेईई मेन में थे 92 परसेंटाइल
हर्षित के परिजनों के अनुसार वह पढ़ाई में काफी अच्छा था। जेईई मेन के एग्जाम में उसके 92 परसेंटाइल बने थे और एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई कर चुका था। हर्षित को बीते साल दिल्ली के सरकारी कॉलेज दिल्ली कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग में सीट मिल गई थी, लेकिन उसके परिजन चाह रहे थे कि उसे और अच्छा कॉलेज मिल जाए। उसका लक्ष्य आईआईटी में एडमिशन लेना था।
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