बच्चों को होने वाला हाइपर एक्टिविटी डिसआर्डर क्या है,पहचानें
बच्चा सोशल आइसोलेशन का शिकार भी हो सकता है
बच्चा बेचैन महसूस करता है और अपने इमप्लसिव बिहेवियर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।
एक अवेयर पेरेंट होने के नाते आपको यह जानना जरूरी है कि एडीएचडी के लक्षण क्या हैं और कहीं आपका बच्चा तो इसका शिकार नहीं है।
संकेतों को नोटिस करें
बच्चा बेचैन महसूस करता है और अपने इमप्लसिव बिहेवियर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।
इनअटेंटिव ध्यान न देना
इसमें बच्चे का ध्यान भटकता रहता है और बच्चा किसी पर फोकस नहीं कर पाता है।
एक्टिविटी पर रखें नजर
स्कूल के टीचर्स अक्सर एक बच्चे में एडीएचडी के लक्षणों को नोटिस करने वाले पहले व्यक्ति होते हैं। टीचर्स बच्चे की कुछ एक्टिविटीज को ध्यान से देखते हैं तो उन्हें एडीएचडी के संंकेत मिल सकते हैं। काम न कर पाना: एडीएचडी वाले बच्चे अक्सर अपनी चीजों को भूल जाते हैं या फिर सही से मैनेज नहीं कर पाते हैं। वे लगातार अपनी चीजों को गलत जगह पर रख रहे हों ,सही से सामान नहीं रख पा रहे हों।
टिककर न बैठ पाना
एडीएचडी बच्चे के शरीर पर शारीरिक रूप से भी असर करता है। वे स्थिर होकर एक जगह नहीं बैठ पाते हैं और आमतौर पर आपकी सीट पर टैप करते या भागते रहते हैं। जब उन्हें बैठने के लिए कहा जाता है तो वे 20 मिनट तक स्थिर नहीं बैठ पाते हैं। वे ज्यादा बात कर सकते हैं और बातचीत को बनाए रखने में परेशानी हो सकती है। वे इधर-उधर भागते भी हो सकते हैं। इन कारणों से उन्हें दोस्त बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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