खाली प्लॉटों में पनप रही बीमारियां, निगम के साथ चिकित्सा विभाग भी बेपरवाह

डेंगू,मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की जद में बाशिंदे

खाली प्लॉटों में पनप रही बीमारियां, निगम के साथ चिकित्सा विभाग भी बेपरवाह

नगर निगम की लापरवाही से शहरवासियों की जान दांव पर लगी है। कॉलोनियों में खाली पड़े प्लॉटों में बारिश का पानी जमा हो रहा है। जिसमें डेंगू-मलेरिया, चिकन गुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों के मच्छर पनप रहे हैं।

कोटा। शहर की सैंकड़ों कॉलोनियां इन दिनों डेंगू-मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों के निशाने पर है। घरों की दहलीज पर बीमारियां पनप रही है। नगर निगम की लापरवाही से शहरवासियों की जान दांव पर लगी है। कॉलोनियों में खाली पड़े प्लॉटों में बारिश का पानी जमा हो रहा है। जिसमें डेंगू-मलेरिया, चिकन गुनिया जैसी जालेवा बीमारियों के मच्छर पनप रहे हैं। वहीं, कोरोना संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। एक तरफ नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को नंबर 1 बनाने का प्रयास कर रहा है तो दूसरी ओर सफाई को लेकर तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कहने को कोटा स्मार्ट सिटी है, जिसकी झलक गिने चुने चौराहों के अलावा पूरे शहर में कहीं नहीं दिखती। आलम यह है, शहर के 200 वार्डों में हर तरफ गंदगी, टूटी-फूटी चौक होती नालियां, कचरे का ढेर, उधड़ी सड़के और जानलेवा गडढ़ों में नगर निगम का विकास नजर आता है। कोटा जंक्शन स्थित पटरी पार क्षेत्र के रेलवे के खाली मैदानों व कॉलोनियों में कई खाली प्लॉट पड़े हैं, जो गंदे पानी के तालाब में तब्दील हो चुके हैं, कॉलोनी में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया। थोड़ी से बारिश से खाली भूखण्डों में व खाली मैदानों में पानी भर जाता है। जो कई दिनों तक भरा रहता है। खाली भूखण्डों में भरे पानी की निकासी की व्यवस्था करना नगर निगम की जिम्मेदारी है, लेकिन निगम अधिकारी जन स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग का अभियान घरों के कूलर, टायर, गमलों से आगे नहीं बढ़ा। कोटा उत्तर नगर निगम के वार्ड 61 के बाशिंदे कई परेशानियों से जूझ रहे हैं। 

इनका कहना है
वार्ड के रजा नगर व श्रीराम नगर में खाली प्लॉटों में भरे बरसाती पानी को मड़ पम्प  व सीवरेज मशीनों से निकलवाया है। प्लॉट मालिकों को नगर निगम द्वारा नोटिस भिजवाकर निर्माण कार्य करवाने को कहा है। वहीं, रजा नगर श्रीराम नगर, सिद्धि विनायक कॉलोनियों में नालियों का निर्माण चल रहा है। जबकि, कुछ कॉलोनियों में विकास कार्यों के स्टीमेट तैयार हैं, जो टेंडर की प्रक्रिया में है। यूडीएच मंत्री ने हमारे पूरे वार्ड का स्टीमेट बनवाकर यूआईटी को विकास कार्य कराने के निर्देश दे चुके हैं।  श्रीराम नगर में सड़कें बन चुकी है और नालियों का काम चल रहा है। रजा नगर में भी सड़कों का काम पूरा हो गया है, अब नालियों का काम होना है। इस्लामपुरा में सड़क निर्माण कार्य की टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के साथ काम की शुरूआत हो चुकी है। इधर, कृष्णा नगर में सीवरेज लीकेज की समस्या है। इसके लिए आरयूआईडीपी के अधिकारियों को शिकायत की है। वार्ड के अधिकतर इलाकों में रोड लाइटें लग चुकी हैं, कुछ इलाकों में बाकी है, जहां लगवाई जाएगी। वार्ड की बड़ी समस्या रेलवे का नाला है। पुरोहितजी की टापरी, सुंदर नगर, शिवाजी कॉलोनी यह निचले इलाके हैं यहां रेलवे के माल गोदाम के नाले का पानी भर जाता है। इसके लिए रेलवे प्रशासन से मांग की है कि वे नाले को माल गोदाम के सहारे चंबल में ले जाएं। हमारे वार्ड में दो बस्तियों को छोड़कर सम्पूर्ण इलाकों में पट्टे बन चुके हैं। रंग तलाव व पुरानी बस्ती के पट्टे नहीं बने हैं, उनका लेआउट प्लान पास होना बाकी है। वर्तमान में गांधी कॉलोनी का लेआउट प्लान पास हुआ है, उसमें इस्लामपुरा का कुछ भाग छोड़ दिया गया, जिसमें संशोधन करवाकर पट्टे दिलवाना हमारी प्राथमिकता में है। 
- मोहम्मद बशीर, पार्षद 

निगम और प्लॉट मालिक बेपरवाह
वार्डों में खाली प्लॉटों में भरा गंदा पानी डेंगू, मलेरिया व चिकन गुनिया जैसी गंभीर बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन विडंबना है कि नगर निगम न प्लॉट मालिकों को नोटिस थमा रही है और न ही मच्छरों की रोकथाम के लिए कोई ठोस प्रयास कर रही है। निगम की उदासीनता के चलते प्लॉट मालिक भी बेपरवाह बने हैं। बच्चे जब सुबह सोकर जागते हैं, तो उनके मुंह पर मच्छरों के काटने की वजह से लाल दाने नजर आते हैं। चिकित्सा विभाग व निगम मिलकर संबंधित लोगों को नोटिस जारी करें एवं नालियों में जमी गंदगी साफ कराएं। पार्षद के साथ प्लॉट मालिक भी अपनी जिम्मेदारी समझे और जागरूक नागरिक का कर्तव्य निभाएं। 
-नवाब बेग, कृष्णा नगर

सीवरेज लाइन लीकेज, सड़ रही नालियां
कैलाश विहार व कृष्णा नगर में हाल ही में आरयूआईडीपी की ओर से सीवरेज पाइप लाइन बिछाई गई थी। गली के मुख्य चेम्बर से घरों के आगे बने छोटे चेम्बर यानी आईसी का कनेक्शन करने में लापरवाही बरती गई, जिसकी वजह से सीवरेज लाइन लीकेज हो गई। घरों से निकलने वाला सीवरेज मुख्य चेम्बर में न जाकर नालियों में बह रहा है। जिससे दिनभर दुर्गंध रहती है। कई घरों के आईसी कनेक्शन अधूरे छोड़ दिए हैं। ठेकेदार को इसकी शिकायत की लेकिन अनसुनी कर दी। पार्षद को भी समस्या से अवगत कराने के बावजूद समाधान नहीं हुआ। ठेकेदार के कर्मचारी लीकेज दुरूस्त करने के लिए मनमाने पैसे मांगते हैं। 
-मनोज वर्मा, कैलाश विहार 

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न फोगिंग हो रही और न ही लार्वा एक्टिविटी
इलाके में खाली पड़े प्लॉटों में खतरनाक लार्वा पनप रहा है। सुबह से रात तक मच्छरों का आतंक रहता है। नगर निगम की ओर से न तो प्लॉट मालिकों को नोटिस दिया जा रहा हैं और न ही पानी निकासी की व्यवस्था करवाई जा रही है। वहीं, चिकित्सा विभाग भी बेपरवाह बना है, मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के प्रयास के लिए एंटी लार्वा एक्टिविटी नहीं की जा रही। नतीजन, वार्ड में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। मोहल्लेवासी अपने स्तर पर ही जला तेल व केरोसिन का छिड़काव कर मच्छरों की रोकथाम के प्रयास कर रहे हैं।      
-साहिल, वार्डवासी

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