अब इंटरनेट बंद करने से पहले जनता को देनी होगी सूचना
राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्तों को दी दोबारा से पावर
जयपुर। प्रदेश में परीक्षाओं के दौरान अब इंटरनेट बंद करने से पहले आमजन को सूचना देनी होगी। इस संबंध में राज्य सरकार ने नए सिरे से संभागीय आयुक्तों को शक्तियां दी है। गृह विभाग ने आदेश जारी कर सभी संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए हैं कि इंटरनेट बंद करने से पहले लोगों को बताना होगा।
वेबसाइट पर अपलोड करेंगे आदेश
आदेश में संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि इन शक्तियों का प्रयोग करने पर कोई आदेश पारित किया जाता है तो उसे जनसामान्य के लिए सार्वजनिक किए जाए तथा उसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। इस सम्बंध में दूरसंचार मंत्रालय को भी आदेश की प्रति भेजी गई है।
आमजन में है असंतोष
प्रदेश में इंटरनेट बंद करने को लेकर लोगों में असंतोष फैला हुआ है। प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान नकल और अन्य गड़बड़ियां रोकने के लिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया जाता है। हालात यह है कि पिछले कुछ समय में इंटरनेट बंद करने के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं। कई मौकों पर चार दिन तक सुबह से शाम तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी जाती है। इससे परीक्षा के दौरान नकल पर लगाम लगी या नहीं, लेकिन लोगों को आवश्यक कामों के लिए भी परेशानी जरूर उठानी पड़ी है।
हाईकोर्ट में दायर है पीआईएल
इंटरनेट बंद करने को लेकर जोधपुर हाईकोर्ट में एक और जयपुर हाईकोर्ट में दो पीआईएल दायर की गई है। इन पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। राज्य सरकार की ओर पक्ष रखने के लिए गृह विभाग ने संभागीय आयुक्तों को नए सिरे से इंटरनेट बंद करने की शक्तियां देने के आदेश जारी किए हैं।
केवल पब्लिक इमरजेंसी के लिए इंटरनेट बंद
प्रमुख शासन सचिव गृह की ओर से मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि दूरसंचार अस्थाई सेवा निलम्बन (लोक आपात या लोक सुरक्षा)(नियम 2017 के नियम 2;1) के आधार पर संभागीय आयुक्त जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर, अजमेर तथा बीकानेर को दूरसंचार सेवाओं के अस्थाई निलम्बन की शक्तियां दी गई हैं। आदेश में कहीं भी परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद करने का जिक्र नहीं किया गया है, केवल संभागीय आयुक्तों को उनके क्षेत्राधिकार में लोक आपात और लोक सुरक्षा की स्थिति में दूरसंचार सेवाओं के अस्थाई निलम्बन की शक्तियां देने की बात कही है।
पूर्व के आदेशों पर अतिक्रमण
प्रमुख सचिव गृह की ओर से जारी आदेशों में विभाग की ओर से दो सितम्बर 2017 और 22 अक्टूबर 2018 एवं 24 सितम्बर 2021 तथा 22 अक्टूबर को जारी एडवाइजरी को अतिलंघित किया है। यानी ये आदेश नए आदेशों को प्रभावित नहीं करेंगे।
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