शादी-कार्ड पर लिखनी होगी दूल्हा-दुल्हन की जन्मतिथि
बालविवाह होते ही निरस्त करवाने ललिता पहुंची टोंक एसपी ऑफिस, कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने की ये पहल
टोंक। टोंक जिले में बाल विवाह की अधिकता को देखते हुए जिला कलक्टर ने एक अनूठी पहल की है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि विवाह के छपने वाले निमंत्रण कार्डों पर दूल्हा-दुल्हन की जन्म तारीख लिखनी होगी और कार्ड छापने वाली प्रेस को इनका जन्मतिथि का रिकॉर्ड रखना होगा। मंगलवार को जिला प्रशासन, महिला अधिकाारिता विभाग एवं एक्शनएड-यूनिसेफ की पहल कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना एवं बाल विवाह रोकथाम-साझा अभियान की जिला टॉस्क फोर्स की बैठक का आयोजन जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल की अध्यक्षता में किया गया था। बैठक में जिला कलक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को बाल विवाह रोकथाम के लिए अन्तरविभागीय समन्वय के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने हलवाई, बैंड-बाजे वाले, पंडित, बाराती, टैंट वाले और ट्रांसपोर्टर आदि को बाल विवाह में सहयोग न करने के निर्देश देते हुए कहा कि अगर ये लोग बाल विवाह में सहयोग करते हैं तो इनके खिलाफ भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे व्यक्तियों से बाल विवाह में सहयोग न करने का आश्वासन लें और उन्हें कानून की जानकारी दें। ग्राम सभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा व रोकथाम की कार्यवाही की जाएं।
कर्मचारी सूचना देने के लिए पाबंद
बाल विवाह रोकथाम के लिए किशोरियों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों के कार्यकर्ता जैसे स्वास्थ्य, समाज कल्याण, शिक्षा विभाग इत्यादि के साथ समन्वय बैठक आयोजित की जाए और इनके कार्मिकों को बाल विवाह होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए पाबन्द किया जाए।
इसलिए किया आदेश जारी
जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने बताया कि टोंक में दो दिन पूर्व एक बालिका ललिता खुद एसपी कार्यालय पहुंची और परिवाद दिया कि 14 नवम्बर 2021 को उसका बाल विवाह कर दिया गया है। घरवालों ने छेड़छाड़ कर स्कूल प्रमाण पत्रों में मेरी जन्मतिथि 5.10.2002 करा दी है जबकि मेरी सही जन्मतिथि 5.10.2005 है। एसपी ने मामला मालपुरा थाने को भेजा। थाने ने बच्ची को चाइल्ड केयर सोसायटी को सौंप दिया है जहां उसकी काउंसलिंग की जा रही है। उसके घर वालों और ससुराल वालों को पाबंद करने की कार्रवाई जारी है।
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