केंद्र सरकार का लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 करना प्रगतिशील फैसला ,प्रदेश सरकार का विरोध निंदनीय: राठौड़

केंद्र सरकार का लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 करना प्रगतिशील फैसला ,प्रदेश सरकार का विरोध निंदनीय: राठौड़

गहलोत सरकार के मंत्री आलाकमान को खुश करने के लिए बेटियों के दुश्मन बन बैठे हैं जिनका सिर्फ एक ही मकसद है, केंद्र सरकार के हर निर्णय का विरोध करना: राठौड़

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर राजस्थान के महिला एवं बाल विकास मंत्री और स्वायत्त शासन मंत्री द्वारा केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के निर्णय को लेकर दिए गए बयानों की कड़े शब्दों में निंदा की है।

राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार के हर प्रगतिशील कदम का विरोध कर राज्य सरकार के मंत्रीगण अपने आकाओं के सामने नंबर बढ़ाने के लिए अनर्गल बयान जारी कर रहे हैं। गहलोत सरकार के मंत्री आलाकमान को खुश करने के लिए बेटियों के दुश्मन बन बैठे हैं जिनका सिर्फ एक ही मकसद है, केंद्र सरकार के हर निर्णय का विरोध करना।

राठौड़ ने कहा कि  जया जेटली के नेतृत्व में बनी केंद्रीय टास्क फोर्स तथा दिसंबर 2020 में नीति आयोग द्वारा की गई सिफारिश तथा केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं शिक्षा मंत्रालय के व्यापक विचार विमर्श के पश्चात देशभर में मातृ-मृत्यु दर को कम करने, बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए, उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए, पुरुष व महिलाओं में समानता लाने के लिए तथा 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा की गई घोषणा की अनुपालना में महिलाओं की शादी की न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष किया जाना एक स्वागतयोग्य,ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व निर्णय है।

राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार अपने इस निर्णय के क्रम में हिंदू मैरिज एक्ट 1955, स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 एवं बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में बदलाव करने जा रही है जिसका राज्य सरकार द्वारा स्वागत किए जाने की बजाय राजनीतिक आधार पर विरोध किया जाना और लड़कियों को हतोत्साहित किया जाना, दुर्भाग्यपूर्ण है।

राठौड़ ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है। इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उनकी सरकार लड़कियों की आयु 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के निर्णय के विरोध में है और अपने मंत्रीगणों के बयानों का पुरजोर समर्थन करती है ?

राठौड़ ने कहा कि टास्क फोर्स ने महिलाओं की शादी की न्यूनतम आयु को 21 वर्ष बढ़ाए जाने की सिफारिश करने से पूर्व 16 यूनिवर्सिटीज, 15 एनजीओ, हजारों युवाओं, पिछड़े तबकों और सभी धर्मों तथा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में समान रूप से फीडबैक लिया था।

राठौड़ ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राज्य सरकार द्वारा बेटियों को लेकर विवादास्पद बयान या फैसला लिया गया हो। इस पहले सितंबर माह में विधानसभा सत्र के दौरान राजस्थान विधानसभा में ''राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021'' को लाकर राज्य सरकार बाल विवाह को प्रोत्साहन देने का महापाप कर रही थी तब भी अपने इस निर्णय पर राज्य सरकार को यू-टर्न लेना पड़ा था।

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