चुनाव नहीं टलेंगे
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने आखिर बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश सहित सभी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव समय पर ही करवाए जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने आखिर बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश सहित सभी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव समय पर ही करवाए जाएंगे। निर्वाचन आयोग का यह फैसला इलाहबाद हाईकोर्ट के हाल के उस आग्रह के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है, जिसमें उसने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव को कुछ समय के लिए टालने पर विचार करने को कहा गया था। अदालत की सलाह के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त की अगुवाई में आयोग की टीम ने लखनऊ का दौरा किया और राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने आयोग से राज्य में कोविड-19 के नियमों के तहत समय पर चुनाव कराने की मांग की थी। मुख्य आयुक्त ने कहा कि आयोग के सदस्य अभी ओमिक्रॉन से निपटने की तैयारियों पर प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत करेंगे। आयोग आयुक्त ने कहा कि चुनावी रैलियों के आजोजन आदि मुद्दों पर आयोग शीघ्र ही दिशा-निर्देश जारी करेगा। यह ठीक है कि विधानसभाओं के चुनाव ठीक समय पर ही कराए जाने चाहिए और लोकतंत्र में यह जरूरी भी है लेकिन देश में जिस तरह से कोरोना फिर से जिस तेजी से पैर पसार रहा है और तीसरी लहर के आसार प्रबल नजर आने लगे हैं। हालात के मद्देनजर कई राज्यों ने फिर से कुछ प्रतिबंधों को लागू करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि जब बाजारों में भीड़भाड़ है और लोग लापरवाही बरत रहे हैं तो फिर प्रतिबंधों का औचित्य क्या है? फिर प्रतिबंध लगाने वाले सत्तारूढ़ दल बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं, जहां मास्क व आवश्यक दूरी के नियमों की पालना नहीं होती तो उन्हें क्यों नहीं प्रतिबंधित किया जाता। यातायात के साधनों व कारोबारी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने मात्र से तो कोरोना का विस्तार घटने वाला नहीं है। लोगों का सवाल व्यावहारिक विचारणीय है। चुनाव आयोग को चुनावी रैलियों आदि के बारे में सख्त दिखा निर्देश जारी करने चाहिए। हालांकि नेता लोग दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करते तो ऐसे में उन नेताओं पर सख्ती बरतनी होगी। रैलियां सीमित संख्या वाली होनी चाहिए और रैलियों में लोगों को मुफ्त में मास्क बांटे जाने चाहिए। देश अब सरकारों की ढिलाई को सहन नहीं कर पाएगा जैसा कि लोगों ने दूसरी लहर के दौरान देखा और त्रासदी के शिकार हुए।
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