बच्चों को वैक्सीन

बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन कोर्बीवैक्स की डोज दी जाएगी

बच्चों को वैक्सीन

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर लगभग खात्मे की ओर है, जीवन पटरी पर लौट रहा है, लेकिन चौथी लहर की आशंकाओं के बीच चिंतित अभिभावकों को राहत की सांस मिलेगी।

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर लगभग खात्मे की ओर है, जीवन पटरी पर लौट रहा है, लेकिन चौथी लहर की आशंकाओं के बीच चिंतित अभिभावकों को राहत की सांस मिलेगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब 12 से चौदह साल के बच्चों को 16 मार्च से टीका लगाने की घोषणा की है। उन्हें हैदराबाद की बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन कोर्बीवैक्स की डोज दी जाएगी। इससे पहले 15 से 17 साल के बच्चों का टीकाकरण जनवरी से शुरू कर दिया गया था। बच्चों के टीकाकरण के अलावा केन्द्र ने 60 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को भी वैक्सीन की तीसरी डोज लेने की सलाह दी है। पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों के लिए ही प्रिकाशन डोज देने की अनुमति थी। बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए पहले कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप पर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। स्कूलें खुलने के बाद से अभिभावक अपने बच्चों की वैक्सीन का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच वैज्ञानिकों ने मई-जून में चौथी लहर के आने की आशंका व्यक्त कर दी तो अभिभावकों की चिंता स्वाभाविक रूप से और बढ़ गई।

अब बच्चों का टीकाकरण शुरू हो रहा है तो यह अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे जल्द से जल्द अपने बच्चों को वैक्सीन अवश्य लगवाएं। इसमें हिचकिचाहट महंगी साबित हो सकती है क्योंकि दूसरी और तीसरी लहर के दौरान देश में काफी बच्चे भी कोरोना संक्रमण के शिकार हुए थे। ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि अब हर आयु के लोग यहां तक की फ्रंटलाइन वर्कर प्रिकाशन डोज लेने में उत्साह नहीं दिखा रहे हैं। 15 से 17 साल तक की आयु के बच्चे भी वैक्सीन को लगवाने में लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसी रिपोर्ट भी आई है कि कोरोना महामारी के दौरान ज्यादातर मौतें बुजुर्गों की हुई हैं। कोरोना गया नहीं है, बल्कि अभी हमारे बीच है। चीन से कोरोना का उद्भव हुआ और खबरें हैं कि चीन में फिर कोरोना का नया स्वरूप तेजी से फैल रहा है, वहां लॉकडाउन लगाने तक की खबरें मिल रही हैं। हांगकांग, रूस, दक्षिण कोरिया, जापान और जर्मनी में हर रोज हजारों कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। वैक्सीन के मामले में दूसरे देशों के मुकाबले भारत की स्थिति काफी बेहतर है। 175 से अधिक लोगों को वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है और कोरोना से जंग जीतने का यही बड़ा हथियार है। वैक्सीन के साथ-साथ अभी भी मास्क को भी अनिवार्य मानें।

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