अच्छाई की जीत का प्रतीक है होली का पर्व
यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं।
मान्यता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मनभेद और मतभेद दूर हो जाते हैं।
बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतीक होली का सामाजिक महत्व भी है। यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मनभेद और मतभेद दूर हो जाते हैं।
क्योंकि लाल रंग प्यार और सौहार्द का प्रतीक होता है। इसलिए यह आपसी प्रेम और स्नेह बढ़ाता है। वहीं धार्मिक महत्व की बात करें तो इस दिन होलिका में सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है और सकारात्मकता की शुरुआत होती है- होलिका दहन के दिन होली जलाकर होलिका नामक दुर्भावना का अंत और भगवान द्वारा भक्त की रक्षा का जश्न मनाया जाता है। होली का त्योहार प्रेम और सद्भावना से जुड़ा त्योहार है जिसमें अध्यात्म का अनोखा रूप झलकता है। इस त्योहार को रंग और गुलाल के साथ मनाने की परंपरा है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, जहां होलिका बुराई और भक्त प्रहलाद अच्छाई का प्रतीक है, व्यापक अर्थ में देखा जाए तो होली की अग्नि प्रज्ज्वलित करने में क्षुद्र सांसारिक इच्छाओं का दमन और आध्यत्मिक उन्नति के पथ पर बढ़ने का संकेत निहित है, इस दिन झूठे अहम् और शत्रुता को भूलकर लोग, एक दूसरे को गले लगाते हैं।
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