निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पप्पू यादव के लिए लकी रही हैं पूर्णिया सीट

निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पप्पू यादव के लिए लकी रही हैं पूर्णिया सीट

भूतपूर्व सांसद और कांग्रेस के बागी नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के लिये पूर्णिया सीट निर्दलीय प्रत्यशी के तौर पर लकी रही है।

पटना। भूतपूर्व सांसद और कांग्रेस के बागी नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के लिये पूर्णिया सीट निर्दलीय प्रत्यशी के तौर पर लकी रही है।

पप्पू यादव ने वर्ष 1991 में पूर्णिया संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। पूर्णिया सीट पर मतदान के दिन प्रमुख दलों ने चुनाव आयोग से बूथ लूटने और धांधली की शिकायत की। इस पर तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टी. एन. शेषण ने नतीजे पर रोक लगा दी थी। मामला न्यायालय पहुंचा। अदालत ने चार साल बाद पुनर्मतदान का आदेश दिया। इस बीच पूर्णिया 1991-95 चार साल तक बिना सांसद के ही रहा। न्यायालय ने इस सीट के सभी बूथों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया लेकिन शर्त यह थी कि प्रत्याशी वही होंगे जो उस समय चुनाव मैदान में खड़े थे, फिर से मतदान हुआ और राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव विजयी हुए।

वर्ष 1996 में पप्पू यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर पूर्णिया संसदीय सीट पर चुनाव लड़ा और विजयी बने। इसके बाद यादव ने वर्ष 1998 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 1999 में यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्णिया से चुनाव लड़ा और तीसरी बार इस सीट से सांसद चुने गए। इसके बाद वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो गए।

वर्ष 2004 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 2004 में मधेपुरा सीट पर हुये उपचुनाव में पप्पू यादव ने जीत हासिल की। 

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पटना उच्च न्यायालय ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी क्योंकि वह हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए जा चुके थे। इसके बाद उन्हें राजद से बाहर कर दिया गया। वर्ष 2009 में पूर्णिया लोकसभा सीट से पप्पू यादव की मां शांति प्रिया ने निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उदय सिंह से हार का सामना करना पड़ा। वर्ष  2014 के चुनाव में पप्पू यादव फिर राजद में शामिल हो गए और मधेपुरा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रत्याशी शरद यादव को पराजित किया और पांचवी बार लोकसभा सांसद चुने गए।

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यादव ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मधेपुरा संसदीय सीट से अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (जाप) के बैनर तले चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई। राजग की ओर से जदयू उम्मीदवार और पूर्व सांसद दिनेश चंद्र यादव चुनावी समर में उतरे और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के शरद यादव को मात दे दी। जाप प्रत्याशी पप्पू यादव को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।

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पप्पू यादव इस बार कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से लड़ना चाहते थे। पूर्णिया सीट की आशा में ही उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कराया था। इस बार पूर्णिया सीट इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस में शामिल राजद को मिली है। राजद ने हाल ही में जदयू छोड़कर राजद में आई विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया है। यहां से पूर्व विधायक बीमा भारती ने नामांकन दाखिल कर लिया है। पूर्णिया सीट कांग्रेस को नहीं मिलने से नाराज पप्पू यादव अब निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर जीत हासिल कर पायेगे या नहीं।

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