कोटा एक हजार सरकारी स्कूलों में दो हजार पद खाली

पदों के भरने पर विद्यार्थियों के साथ बेराजगारों को भी मिले राहत

कोटा एक हजार सरकारी स्कूलों में दो हजार पद खाली

खाली पड़े पदों के कारण एक ओर विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है साथ ही प्रशासनिक कामों में भी परेशानी होती है।

कोटा। राजकीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार की ओर से अनेक प्रयास किए जाते हैं। एक विद्यालय के निर्माण में सबसे जरूरी शिक्षक और विद्यार्थी होते हैं, क्योंकि एक विद्यालय शिक्षक और विद्यार्थियों से मिलकर ही बनता है। लेकिन कोटा के 1 हजार 56 विद्यालयों में विद्यार्थी तो हैं लेकिन उनकी संख्या के मुकाबले शिक्षक कम हैं। सरकार की ओर से 4 अप्रैल को प्रस्तुत किए गए वार्षिक प्रतिवेदन 2023-24 के अनुसार कोटा के प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों में 1 हजार 420 शिक्षकों सहित विभिन्न वर्गों के 2 हजार 1 पद रिक्त हैं। विद्यालयों में रिक्त पदों में प्रथम श्रेणी के शिक्षकों से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पद शामिल हैं। इसी तरह प्रदेश स्तर पर भी 1 लाख 43 हजार 166 पद खाली पड़े हैं। वहीं पदों के कारण एक ओर विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है साथ ही प्रशासनिक कामों में भी परेशानी होती है। इसके साथ ही इन पदों को भरने से जिले व राज्य के कई बेराजगारों को रोजगार दिया जा सकता है।

जिले में इतने पद खाली
पद                                     स्वीकृत    भरे    रिक्त
प्रिंसिपल                                 333    251    82
ग्रेड 1 शिक्षक                         1145    870    275
ग्रेड 2 शिक्षक                         2114    1690    424
ग्रेड 3 शिक्षक                         5030    4466    564
पीटीआई                                 507    448    59
लेब असिस्टेंट                            89    73    16
सहायक प्रशासनिक अधिकारी      73    62    11
प्रशासनिक सहायक                  371    326    45
लाइब्रेरीयन                                82    41    41
चतुर्थ श्रेणी                              557    118    439

व्यख्याता से लेकर चतुर्थ श्रेणी के पद खाली
कोटा जिले में शिक्षा विभाग के अधीन करीब 1 हजार 56 विद्यालय संचालित हैं जिनमें से 716 विद्यालय प्रारंभिक और 340 माध्यमिक विद्यालय हैं इन सभी विद्यालयों में शिक्षकों के कुल 1 हजार 420 और प्रशानिक कार्यों के लिए 581 पद खाली पड़ हैं। इन विद्यालयों में खाली पड़े पद में कई विद्यालयों में गणित, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत और अंग्रेजी के व्यख्याताओं और शिक्षकों के पद खली पड़ हैं। कोटा शहर के दादाबाड़ी स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में राजनीतिक विज्ञान के व्याख्याता स्वीकृत मात्र एक पद, लाइब्रेरीयन, हिंदी, उर्दू और चतुर्थ श्रेणी के दोनों पद सहित कुल 6 पद खाली हैं, कंसुआ स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में संस्कृत, सामाजिक विज्ञान के व्याख्याता और चतुर्थ श्रेणी के दोनों पद सहित कुल 5 पद खाली हैं, रामपुरा स्थित छोटी महारानी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में अंग्रेजी विषय के व्यख्याता व लेवल 1 के शिक्षक सहित कुल 4 पद खाली हैं, गुमानपुरा स्थित महात्मा गांधी मल्टीपरपज विद्यालय में भी सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, लेवल 1 शिक्षक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद खाली है। इसी तरह कोटा के कई बड़े राजकीय विद्यालयों में व्याख्याताओं सहित विभिन्न वर्गों के पद खाली पड़े हैं।

पढ़ाई होती है प्रभावित
विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपलब्धता होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिसमें विद्यालयों में विभिन्न विषयों के शिक्षक नहीं होने से उन्हें या तो किसी दूसरे शिक्षक से पढ़ना पढ़ रहा है या उसके लिए कोचिंग लगानी पड़ रही है। वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि विद्यालयों में जो शिक्षक कार्यरत हैं वो भी पूरी कक्षाएं नहीं लेते हैं ऐसे में कैसे पढ़ाई करें हमेशा इसकी दुविधा बनी रहती है। 

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वर्षों से खाली पड़े हैं पद
जिले के कई विद्यालयों में तो कई पद सालों से खाली पड़े हैं जिन्हें अभी तक नहीं भरा जा सकता है। विभाग की माने तो कोटा जिले के 1 हजार 56 में से 570 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें व्याख्याताओं, लाइब्रेरीयन, लेब सहायक ओर चतुर्थ श्रेणी के पद करीब तीन सालों से रिक्त हैं। वहीं सरकार की ओर से जो नई भर्तियां निकाली जाती हैं वो रिक्त पदों की तुलना में कम होती हैं। जिससे पूर्व में रिक्त पद भर नहीं पाते और नए फिर खाली हो जाते हैं। 

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विद्यार्थियों का कहना है
सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को ठीक करने के लिए शिक्षकों के पदों का भरा होना आवश्यक है हमारे विद्यालय में एक ही अंग्रेजी के शिक्षक हैं सभी कक्षाओं को उन्हीं से पढ़ना पड़ता है ऐसे में कभी कभी कक्षा ही नहीं लग पाती है।
- देवेंद्र गुर्जर, छात्र, दादाबाड़ी

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विद्यालय में प्रयोगशाला है लेकिन लेब असिस्टेंट ही नहीं है जिसकी वजह से प्रयोगशाला होने के बाद भी उसका कोई लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार को जहां प्रयोगशाला है कम से कम उन विद्यालयों में तो लेब असिस्टेंट के पद भरने चाहिए।
- मुकेश कुमार, भीमगंजमंडी

विद्यालय में विज्ञान संकाय है लेकिन विज्ञान संकाय के शिक्षक ही नहीं है, एक ही शिक्षक हैं जो रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान दोनों पढ़ाती हैं। दोनों विषयों के अलग अलग शिक्षक हो तो हमें भी नया सीखने को मिले। -अमन कुमावत, कुंहाड़ी

इनका कहना है
स्कूलों में लगभग सभी महत्वपूर्ण पदों पर व्यक्ति नियुक्त है। वहीं शिक्षकों की भर्ती करना राज्य सरकार का काम है। जिसमें कई प्रधानाध्यापक और व्याख्याता सहित कई पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है।
- केके शर्मा, जिला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी कोटा

रिक्त पदों की जानकारी है सरकार के स्तर पर भर्ती प्रकिया प्रोसेस में है उसके बाद देखेंगे कितने कर्मचारी मिलते हैं। मौजूद रिक्त पदों की जानकारी विभाग को भेजी हुई है।
- यतीश विजयवर्गीय, जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी

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