घुटने में बनी पथरी, 8 साल की तकलीफ के बाद मिला इलाज
बीमारी से पथरी बनने लगी थी
खड़े होने पर बाएं पैर अपना वजन तक नहीं रख पा रही थीं और उनका जोड़ पूरी तरह जकड़ चुका था। उन्हें यह बीमारी आठ सालों से थी।
जयपुर। अब तक हमने किडनी या गॉलब्लैडर में ही पथरी होना सुना है लेकिन शहर के डॉक्टर्स ने एक दुर्लभ मामले में घुटने में से पथरी निकाल कर मरीज को आठ साल की तकलीफ के बाद राहत दी। शहर सीनियर आर्थोस्कोपी सर्जन डॉ. नवीन शर्मा ने यह दुर्लभ केस सफलतापूर्वक किया। डॉ. नवीन ने बताया कि हरियाणा निवासी महिला मरीज को साइनोवियल ओस्टियोकोन्ड्रोमैटोसिस नाम की दुर्लभ बीमारी थी। इस बीमारी में शरीर के जोड़ों में उत्तक इकट्ठे होकर पथरी का रूप लेने लगते हैं। महिला के बाएं घुटने में इस बीमारी से पथरी बनने लगी थी। उनके घुटने में तेज दर्द रहने लगा और स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि खड़े होने पर बाएं पैर अपना वजन तक नहीं रख पा रही थीं और उनका जोड़ पूरी तरह जकड़ चुका था। उन्हें यह बीमारी आठ सालों से थी।
आर्थोस्कोपी से निकली पथरी
महिला की आर्थोस्कोपी तकनीक से सर्जरी की गई। इससे छोटे चीरे से ही मरीज की सर्जरी हो गई और एक घंटे चले इस प्रोसीजर में मरीज के घुटने में से तीन से चार पथरी के टुकड़े मिले। डॉ. शर्मा ने बताया कि पथरी निकालने के साथ ही घुटने के जोड़ की सफाई भी की गई जिससे दोबारा पथरी बनने की आशंका खत्म हो गई। सर्जरी के दो दिन बाद ही मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
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