फिजिक्सवाला से ऑनलॉइन कोचिंग ले रहे छोटे भाई की मौत, अवसाद में बड़ा भाई
पिता बोले - क्या पता था डॉक्टर बनने का सपना उसकी जान ले लेगा
पिता ने कहा था बेटा अगर नीट क्लीयर नहीं हो रहा है तो जीएएनएम नर्सिंग या बीएसटीसी का कोर्स कर लेना।
कोटा। छोटे भाई मनीष द्वारा आठ दिन पूर्व भरतपुर में फंसी का फंदा लगाकर आत्महत्या करने के बाद से बड़ा भाई आशीष अवसाद में है। परिजनों ने उसे भरतपुर जिले के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। लखनपुर नदबई निवासी मनीष (18) पुत्र हरभान सिंह 12 वीं कक्षा के बाद अपने बड़े भाई आशीष और मामा के साथ बृज नगर भरतपुर में किराए का कमरा लेकर दो साल से रह रहा था और फिजिक्सवाला कोचिंग संस्थान से ऑनलाइन नीट की तैयारी कर रहा था। मनीष ने 4 मई को भरतपुर के मथुरागेट पुलिस थाना क्षेत्र में फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी थी। वह पढ़ने में बहुत हुशियार था और परिवार के सदस्यों का लाड़ला था। मनीष दो भाई थे। उसके आत्महत्या करने के बाद से परिवार में मायूसी छा गई है परिवार का हर सदस्य मायूस है। आशीष के अवसाद में आने से परिजन उससे किसी को भी मिलने नहीं दे रहे हैं तथा उसका फोन भी बंद करवा दिया है।
मृतक मनीष कुमार के पिता हरभान सिंह ने बताया कि बड़ा बेटा आशीष कुमार श्री दिगंबर जैन पैरा मेडिकल कॉलेज सेवर जिला भरतपुर से डीएमएलटी का कोर्स कर रहा है और छोटे बेटे मनीष कुमार ने वर्ष 2022 में 12 वीं क्लास की परीक्षा में 94 प्रतिशत प्लस तथा दसवीं में 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे। वह पढ़ने में होशियार था और डाक्टर बनने का सपना लेकर भरतपुर आया था, लेकिन सब खत्म हो गया। हमें वहां से उसकी डेड बॉडी लानी पड़ी । इससे पहले मनीष ने एक निजी कोचिंग से एक साल नीट की कोचिंग ली थी। इस सत्र में उसने अगस्त-सितंबर 2023 में फिजिक्सवाला कोचिंग संस्थान से आॅन लाइन कोचिंग ली । इसके लिए उसने फोन-पे से ही 3800 रुपए जमा किए थे। इसके बाद से वह आॅन लाइन नीट की कोचिंग ले रहा था। उन्होंने बताया कि उसने जिस दिन आत्महत्या की उससे दो दिन पूर्व मैं मिलकर आया था और कहा था कि बेटा अगर नीट क्लीयर नहीं हो रहा है तो जीएएनएम नर्सिंग या बीएसटीसी का कोर्स कर लेना। ये पता नहीं था कि वह ऐसा कदम उठा लेगा।
15 मिनट में सब खत्म
पिता ने बताया कि चार मई की शाम को करीब आठ बजे आशीष ने उससे कहा था कि मनीष पढ़ाई कर लो हम मामा के साथ बाजार से सब्जी लेकर आते हैं। उसका पांच मई को नीट का एग्जाम था। इसके बाद आशीष और उसका मामा सब्जी लेने चले गए। करीब 15 मिनट बाद लौट कर आए तो मनीष फंदे पर लटका हुआ था। उसे फंदे से उतार कर अस्पताल लेकर गए जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था।
इनका कहना है
हमने कोटा स्थित फिजिक्सवाला कोचिंग के ब्रांच हैड दिनेश को फोन किया तो उन्होंने कहा कि आॅन लाइन की टीम अलग है उनके नंबर देता हूं। लेकिन कोई नंबर नहीं दिया गया तो उनके मोबाइल पर नंबर के लिए मैसेज किया किन्तु कोई जवाब नहीं आया।
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