कन्या छात्रावास के बाहर गंदगी के ढेर, बदबूदार वातावरण में रहने की मजबूरी

एक ही वार्डन के जिम्मे दो छात्रावास, एक हाल में 5 छात्राएं रहती है

कन्या छात्रावास के बाहर गंदगी के ढेर, बदबूदार वातावरण में रहने की मजबूरी

क्षमता के अनुसार ही छात्रावास में छात्राएं रखी जाती है।

कोटा। यहां छावनी स्थित तिलक नगर में बने सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के राजकीय अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में रहने वाली कालेज व स्कूली छात्राओं को बदबूदार वातावरण में रहने की मजबूरी है। छात्रावास के सामने कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जिससे पूरा माहौल बदबू से गंध मार रहा है। इतना ही नहीं यहां पर कचरे में मुंह मारते आवारा पशु और श्वान कचरे को दूर तक फैलाते रहते हैं। गंदगी के ढेर से जहां मच्छर पनपते हैं, ऐसे में छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के बीमार होने की संभावना ज्यादा रहती है। हालांकि इस बारे में विभाग की ओर से कई बार लिखित में नगर निगम को दिया जा चुका है, लेकिन आसपास के लोग यहां पर आए दिन कचरा फेंक ही देते हैं। जिससे यहां पर कचरे का ढेर लगा रहता है। वहीं पास में ही खराब वाहन भी खड़ा है। जो परेशानी का सबब है।

छात्रावास में 20 कमरे बने हुए हैं 
सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के राजकीय अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में करीब 15 से 20 कमरे बने हुए हैं। जो अलग-अलग साइज में बने हुए हैं। इनमें से कई कमरों की साइज बहुत बड़ी है, जो हाल के आकार के हैं, जहां पर चार से पांच बेड लग सकते हैं। वहीं कुछ कमरे सामान्य से थोड़े ही बड़े हैं जहां पर दो से तीन बेड ही लग सकते हैं। कमरों की साइज और उनकी सुविधा अनुसार ही यहां पर छात्राओं को रखा जाता है। 

50 बालिकाएं रहती हैं
सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के छावनी में तिलक नगर स्थित इस छात्रावास में ही दूसरी बिल्डिंग में स्कूली बालिकाओं के लिए छात्रावास बनाया हुआ है।  जिनमें 50 बालिकाएं रखने की विभाग ने अनुमति दे रखी है। नहीं हो सकी बात- छात्राओं से बात नहीं हो सकी। छात्राओं के हॉस्टल में अन्दर जाने की अनुमति नहीं होने से अन्दर के हालात पता नहीं चल सके। वार्डन भी मौजूद नहीं थी। 

अभी 15 कॉलेज छात्राएं हैं यहां
छावनी में तिलक नगर स्थित इस राजकीय अनूसूचित जाति कन्या छात्रावास में वर्तमान में 15 कालेज छात्राएं हैं। हालांकि अन्य दिनों में यहां पर तीन गुना ज्यादा छात्राएं रहती है। विभाग की ओर से भी यहां पर 75 छात्राएं रखने की अनुमति दी हुई है। क्षमता के अनुसार ही छात्रावास में छात्राएं रखी जाती है।

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छात्रावास के सामने कचरे के ढेर
तिलक नगर स्थित अनूसूचित जाति के कन्या छात्रावास के सामने कचरे के ढेर लगे हुए हैं। जिन पर आवारा पशु मुंह मारते रहते हैं। इतना ही नहीं यहां कि गंदगी और पॉलीथिन उड़कर छात्रावास के मुख्य द्वार तक आ जाती है। वहीं गंदगी से मच्छर पनपते हैं, जिससे यहां पर रहने वालों का बुरा हाल है। कचरे के ढेर को देखकर ऐसा लगता है मानो कूड़ादान हो, जहां पर आसपास रहने वाले लोग अपने घरों का पूरा कचरा लाकर फेंक रहे हैं। कचरे के कारण यहां का वातावरण भी पूरी तरह से बदबूदार बना हुआ है, जहां पर कोई एक पल भी खड़ा नहीं रह सकता है, ऐसे हालात में इस छात्रावास में कालेज और स्कूल की छात्राएं रहती है।

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जिलेभर में 26 छात्रावास है विभाग के 
कोटा जिले में सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के वर्तमान में कुल 26 छात्रावास है। जिनमें से 9 छात्राओं एवं बालिकाओं के लिए तथा 16 बालकों के लिए है। इनमें से बालिकाओं एवं कालेज छात्राओं के लिए जिले के रामगंजमंडी व पीपल्दा में एक-एक छात्रावास है, वहीं अन्य सात छात्रावास कोटा शहर में है, जिनमें 2 छावनी के तिलक नगर, 3 विनोबा भावे नगर, 1 टैगोर नगर और एक नांता में स्थित है। इसी प्रकार बालकों के लिए जिले रामगंजमंडी, सांगोद, इटावा, खातौली, बपावर, मंडावर, कनवास, सुल्तानपुर व दीगोद में एक-एक तथा कोटा शहर में मालारोड, महावीर नगर, कंसुआ, टैगोर नगर तथा विनोबा भावे नगर में छात्रावास हैं। छात्रावास में स्कूली बालिकाएं 50 तथा कालेज छात्राएं 75 रखने की अनुमति वार्डन को विभाग की ओर से दे रखी है। प्रत्येक पर सालाना खर्च के हिसाब से विभाग की ओर से 2500 रुपए का भुगतान छात्रावास वार्डन को किया जाता है।

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यह नियम है, पर्सनल नहीं रखा जा सकता
विभाग का यह नियम है कि कम से कम 4 से 5 छात्राओं को एक साथ रखना है। इसलिए कहीं पर भी एक छात्रा को एक रूम उपलब्ध नहीं कराया जाता है। कोई विशेष परिस्थति में ही किसी को अलग से एक रूम देने की परमिशन दी जाती है। रही बात कचरे के ढेर की तो इसके बारे में कई बार कहा जा चुका है, आसपास के लोगों ने इसे कचरा पाइंट बना रखा है।
- सविता कृष्णिय्या, संयुक्त निदेशक, सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग, कोटा

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