Summer Season : गर्मी दिखाने लगी कड़े तेवर बचाव के लिए किए जतन
राजधानी जयपुर में रविवार को तापमान 40.2 डिग्री दर्ज हुआ, जबकि जयपुर का तापमान 19 मई, 2016 को 46.5 डिग्री दर्ज किया गया था। जयपुर में 25 मई, 1932 को दिन का तापमान 47.7 डिग्री दर्ज हुआ था,जो अब तक का सबसे अधिक मई माह का तापमान है।
जयपुर। गर्मी ने कड़े तेवर अख्तियार कर लिए हैं। राजधानी जयपुर में रविवार को तापमान 40.2 डिग्री दर्ज हुआ, जबकि जयपुर का तापमान 19 मई, 2016 को 46.5 डिग्री दर्ज किया गया था। जयपुर में 25 मई, 1932 को दिन का तापमान 47.7 डिग्री दर्ज हुआ था,जो अब तक का सबसे अधिक मई माह का तापमान है। लोग गर्मी से बचने के लिए कई तरह के जतन करने लगे हैं। घरों में एसी-कूलर और पंखे चलने लगे हैं। शहर के प्रमुख स्थानों पर प्याऊ भी लगने लगी हैं, लोग उसमें पानी पीकर अपनी प्यास शांत करते हैं। शहर में ज्यूस की दुकानें भी तेजी से खुली हैं, जहां पर भी लोग ज्यूस पीकर गर्मी से बचाव करते हैं। गन्ने के ज्यूस की चलने वाली गाड़ी शहर में काफी लोकप्रिय हो गई है। गाड़ी के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के कारण लोग उसको काफी पसंद कर रहे हैं। गर्मी का आलम है कि गर्मी से बचने के लिए लोग शहर के बरामदों में चलते हैं, ताकि गर्मी से बचा जा सकें।
कन्नौज से आता है खस उससे बनती हैं टाटी
गर्मी से बचने के लिए कूलर में खस-खस की टाटी लगाते हैं। खस-खस की टाटी जल्दी खराब नहीं होती और उसमें आती खुशबू मन को खुशगवार बना देती है। शहर के कल्याणजी के रास्ते में खस-खस की टाटी बना रहे मोम्मद जावेद और आशिफ पटेल ने बताया कि एक कूलर की खस-खस की टाटी साढ़े चार सौ रुपए की बनती है। इसकी मांग अब वापस बढ़ गई है।
प्याऊ बनी गले को तर करने का जरिया
शहर में खरीददारी करने आने वाले लोग अब पानी से हलकान होकर या तो बोतलबंद पानी खरीदते हैं या फिर उनकी नजरें प्याऊ खोजने लगती है। प्याऊ के पास पानी पीने को आतुर मोहम्मद खान ने बताया कि घर से निकलने के बाद या तो पानी की बोतल खरीदे या फिर प्याऊ से पानी पीकर प्यास को शांत किया जाए। पहले शहर में बहुत सी प्याऊ हर साल खुलती थी, लेकिन अब प्याऊ बहुत कम खुलती हैं। दानदाताओं के सहयोग से प्याऊ जयपुर में लम्बे समय से चलती आई है।
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