हर दिन जनरेट होता 1100 मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट
1100 मीट्रिक टन तो प्लास्टिक वेस्ट है
प्रदेश में हर रोज करीब 15 हजार मीट्रिक टन कचरा जनरेट होता है, जिसमें 1100 मीट्रिक टन तो प्लास्टिक वेस्ट है। करीब 12 साल बाद एक बार फिर से इस वेस्ट को खत्म करने की मुहिम शुरू हुई है।
जयपुर। प्रदेश में हर रोज करीब 15 हजार मीट्रिक टन कचरा जनरेट होता है, जिसमें 1100 मीट्रिक टन तो प्लास्टिक वेस्ट है। करीब 12 साल बाद एक बार फिर से इस वेस्ट को खत्म करने की मुहिम शुरू हुई है। पहले राज्य सरकार की मुहिम थी, लेकिन इस बार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह मुहिम शुरू करते हुए एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने के लिए सभी पक्षों को नोटिस जारी किए है। साथ ही इस कारोबार से जुड़े सभी पक्षकारों को तीस जून से पहले स्टॉक खत्म करने के निर्देश दिए है। बोर्ड के आदेशों की पालना में अब राजधानी जयपुर में ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम जोरशोर से जुटी है।
2010 में प्लास्टिक बैन
एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में 2010 में राजस्थान में प्लास्टिक को बैन किया गया था। इसके लिए प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल करने वालों का चालान कर जुर्माना वसूलने और आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए, लेकिन फिर से उपयोग होने लगा।
क्या नुकसान
हर रोज प्लास्टिक के निकलने वाले वेस्ट से पर्यावरण को नुकसान होने के साथ ही पानी, खाना और मनुष्य व जानवरों के जीवन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इस वेस्ट को खाने से हर साल हजारों की संख्या में पशुओं की मौत होती है।
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