‘ये कैसी हठताल’: रेजिडेंट्स की पांच दिन से हड़ताल जारी
अब सीनियर रेजिडेंट्स ने खोला मोर्चा
प्राचार्य ने रेजिडेंट्स से साफ कहा कि पहले हड़ताल खत्म करो फिर कार्रवाई होगी
जयपुर। कांवटिया अस्पताल में चबूतरे पर महिला का प्रसव होने के मामले में निलंबित किए गए तीन रेजिडेंट डॉक्टर्स और कुछ महीनों पहले दो रेजिडेंट्स पर की गई कार्रवाई को वापस लेने की मांग को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल शुक्रवार को पांचवें दिन भी जारी रही। मांगें नहीं माने जाने के विरोध में शुक्रवार को सुबह एसएमएस मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कॉलेज प्रशासन का पुतला जलाया।
वहीं शाम को कॉलेज में प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा के साथ वार्ता हुई जो कि जिसमें कोई सहमति नहीं बनी। प्राचार्य ने रेजिडेंट्स से साफ कहा कि पहले हड़ताल खत्म करो फिर कार्रवाई होगी। वहीं अब जोधपुर, उदयपुर, कोटा, झालावाड़, बीकानेर और अजमेर के रेजिडेंट्स ने भी हड़ताल का समर्थन दे दिया है और ऐसे में अब ये आंदोलन प्रदेशस्तरीय बन गया है और अब इन जिलों में भी मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
डॉ. सुषमा को मामले में गलत फंसाया
इधर कावंटिया में प्रसव मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट डॉ. सुषमा को भी सस्पेंड कर दिया है। वहीं इस निलंबन के विरोध में अब एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजिडेंट्स ने भी मोर्चा खोल दिया है। सीनियर रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को पत्र लिखकर कहा है कि डॉ. सुषमा को मामले में गलत फंसाया गया है और इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए। जब तक जांच नहीं हो जाती तब तक डॉ. सुषमा को फिर से बहाल किया जाए। अगर उन्हें बहाल नहीं किया गया तो शनिवार से सभी सीनियर रेजिडेंट्स कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे।
मरीजों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
इधर हड़ताल के कारण एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों में मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसमें सबसे ज्यादा ओपीडी के मरीज परेशान हो रहे हैं। अब तो हालत यह है कि रूटीन आॅपरेशन भी टाले जा रहे हैं। भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज कर घर भेजा जा रहा है। सीनियर डॉक्टर्स अस्तपालों में मरीजों को देख रहे हैं लेकिन उनकी संख्या मरीजों के मुकाबले काफी कम है और ऐसे में व्यवस्थाएं अब धीरे धीरे पटरी से उतरने लगी हैं।
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