सीएम भजनलाल सरकार की कैबिनेट में बड़े फैसले; नागरिक उड्डयन पॉलिसी को मंजूरी, तीन जगह पर खुलेंगे फ्लाइंग स्कूल
ऊर्जा में ढाई लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी
मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार ने नागरिक उद्यान पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की है। इस पॉलिसी के तहत तीन जगह पर फ्लाइंग स्कूल खोले जाएंगे।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार ने नागरिक उद्यान पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की है। इस पॉलिसी के तहत तीन जगह पर फ्लाइंग स्कूल खोले जाएंगे। साथ ही जहां पर एयरपोर्ट नहीं है वहां पर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट स्थापित किए जाएंगे। कैबिनेट ने पूर्ववर्ती सरकार के समय गांधी वाटिका संचालक को लेकर लाए गए अधिनियम को कैबिनेट ने निरस्त करते हुए राज्य सरकार के स्तर पर ही गांधी वाटिका संचालन करने का निर्णय लिया है।
शासन सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि कैबिनेट में तीन शिक्षण संस्थानों के नामकरण करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि कैबिनेट में युवा, उद्योग, आमजन के लिए कई फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट ने ऊर्जा के क्षेत्र में सवा दो लाख करोड़ के निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इसमें सौर ऊर्जा के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल हो सकेगा। उसके लिए ढाई एकड़ प्रति मेगावाट का उत्पादन होगा। जमीन का आवंटन डीएलसी की 5:30 प्रतिशत दर पर किया जाएगा। जो पहले 7% पर दी जाती थी। बिजली उत्पादन करने वालों को राजस्थान को प्राथमिकता से बिजली देनी होगी। नागरिक उड्डयन पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। इसमें एयरपोर्ट की ऐसी हवाई पट्टी जो इस्तेमाल नहीं हो रही, उनका भी उपयोग हो सकेगा। जहां पर एयरपोर्ट नहीं है, वहां पर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट निर्मित किए जाएंगे, जिसमें कोटा जिसका अगस्त तक एमओयू हो जाएगा। युवाओं के लिए किशनगढ़, भीलवाड़ा, झालावाड़ में फ्लाइंग स्कूल खोली जाएगी। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। जयपुर में एक एयरोसिटी तैयार होगी, जिसमें माल, होटल, बहुत सारा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, उसके साथ कार्गो सर्विस भी शुरू होगी। इससे निवेश के साथ रोजगार भी सृजित होगा।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि गांधी वाटिका के भविष्य को लेकर अक्सर सवाल आता है, ऐसे में गांधी वाटिका के संचालन को लेकर पूर्ववर्ती सरकार में जो ट्रस्ट बनाने के लिए कानून लाया गया था , उसे कैबिनेट ने निरस्त करने का फैसला किया है। वाटिका वैसे ही काम करता रहेगा, उसमें जो भी गांधी जी के सिद्धांत वृतांत है, जारी रहेंगे। पूर्व सरकार में किसी उद्देश्य के कारण एक्ट लाया गया जिसमें उपाध्यक्ष को अध्यक्ष से ज्यादा पावर दे दिए गए जिसमें उन्हें हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। गांधी वाटिका चलती रहेगी। जिस उद्देश्य से बना उसकी पूर्ति होती रहेगी। भविष्य की आवश्यकता के अनुसार आगे बढ़ाने के लिए नया कानून बनाया जाएगा। अधिनियम को समाप्त किया जाएगा आगे भविष्य में आवश्यकता अनुसार कानून बनाया जाएगा।
Comment List