चव्हाण को बीजेपी का दूसरा झटका, विधान परिषद में भी सीट नहीं

केंद्रीय मंत्री का पद भी नहीं

चव्हाण को बीजेपी का दूसरा झटका, विधान परिषद में भी सीट नहीं

विधान परिषद की खाली 11 सीटों के लिए 12 जुलाई को मतदान होगा। बीजेपी 11 में से 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि शिवसेना शिंदे ग्रुप और राष्ट्रवादी अजीत पवार ग्रुप दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

मुंबई/नांदेड़। बीजेपी ने विधान परिषद के लिए पांच उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर दी है। इसमें पंकजा मुंडे को भी पार्टी ने मौका दिया है। बीजेपी मराठवाड़ा से पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे को फिर से मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। इस बीच विधान परिषद में चर्चा थी कि बीजेपी से अशोक चव्हाण के गुट को मौका मिलेगा। चव्हाण के रिश्तेदार डॉ मीनल पाटिल खतगांवकर के लिए भी कोशिशें शुरू हुईं लेकिन बीजेपी ने चव्हाण गुट को मौका नहीं दिया। इसलिए कहा जा रहा है कि पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल और फिर विधान परिषद में मौका न मिलने से चव्हाण गुट एक तरह से सदमे में है।

नांदेड़ से बीजेपी को लगा है झटका
अशोक चव्हाण के बीजेपी का सदस्य बनने के बाद उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। यह भी उम्मीद थी कि चुनाव के बाद उन्हें नए केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी और बीजेपी बड़ी जिम्मेदारियां सौंपेगी। लेकिन लोकसभा चुनाव में मराठवाड़ा में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। अशोक चव्हाण के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी पार्टी नांदेड़ सीट बरकरार नहीं रख पाई। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के रिश्तेदार और पूर्व सांसद भास्कर पाटिल खटगांवकर के दामाद को बीजेपी ने राज्य की विधान परिषद के लिए नामांकित किया था। मीनल पाटिल खटगांवकर के नाम पर चर्चा हुई लेकिन उन्हें पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया।

कोशिशों को नहीं लगे पंख
लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की दिलचस्पी डॉ मीनल पाटिल खतगांवकर में थी। अशोक चव्हाण सहित स्थानीय बीजेपी नेता उन्हें लोकसभा उम्मीदवारी दिलाने की कोशिश कर रहे थे। लोकसभा चुनाव से पहले मीनल पाटिल खतगांवकर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद इस चर्चा को और हवा मिल गई। लेकिन बीजेपी ने प्रतापराव पाटील चिखलीकर को मौका दिया। इस बीच खबर आई कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने असंतुष्ट मीनल खटगांवकर को विधान परिषद में लेने की बात कही है।

पंकजा मुंडे की उम्मीदवारी की घोषणा
इस बीच पूर्व मंत्री रावसाहेब दानवे नांदेड़ दौरे पर खटगांवकर के घर पर गए। इसी समय चव्हाण गुट की ओर से मीनल खतगांवकर को विधान परिषद में शामिल करने की सिफारिश दानवे से की गई। पूर्व सांसद भास्करराव पाटिल और रावसाहेब दानवे के बीच पंद्रह मिनट तक बंद कमरे में चर्चा भी हुई। लेकिन पार्टी नेता ने नांदेड़ को मौका दिए बिना बीड से पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे की उम्मीदवारी की घोषणा कर दी। इसलिए चव्हाण समर्थकों में नाराजगी का माहौल है।

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कांग्रेस पार्टी से विधान परिषद में सिर्फ सातव को ही मौका
विधान परिषद की खाली 11 सीटों के लिए 12 जुलाई को मतदान होगा। बीजेपी 11 में से 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि शिवसेना शिंदे ग्रुप और राष्ट्रवादी अजीत पवार ग्रुप दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा कांग्रेस और एनसीपी शरद पवार समूह एक-एक सीट पर लड़ने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद नांदेड़ से विधान परिषद में मुस्लिम समुदाय को उम्मीदवार बनाने की मांग रखी गई। कांग्रेस के पूर्व मेयर अब्दुल सत्तार का नाम भी चर्चा में था, वहीं मसूद खान की भी दिलचस्पी थी। लेकिन सही समय पर कांग्रेस डॉ प्रज्ञा सातव की उम्मीदवारी की घोषणा से मुस्लिम समुदाय में गुस्सा फैल गया है।

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