दो साल में लेना होगा कम से कम एक ठेका, नहीं तो फर्म का रजिस्ट्रेशन निरस्त
आरटीपीपी एक्ट में नए प्रावधानों ने ठेकेदारों की बढाई मुश्किलें
जलदाय विभाग के अनुसार जिन फ़र्मों का डबल ए क्लास और डबल ओ क्लास कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन होता है और उन फर्म की ओर से अगर विभाग में 2 साल में एक भी टेंडर नहीं लिया, तो उनका रजिस्ट्रेशन स्वत ही निरस्त हो जाएगा।
जयपुर। आरटीपीपी एक्ट में 12 साल बाद नए संशोधन ने विभागों में रजिस्टर्ड ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ा दी है। अर्थात अब 2 साल में अगर एक भी टेंडर नहीं मिला तो फर्म का रजिस्ट्रेशन विभाग की एमपैनल सूची से निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि पहले इसमें समय की बाध्यता नहीं थी, लेकिन अब समय की बाध्यता से ठेकेदारों के लिए परेशानी बढ़ गई है।
जलदाय विभाग के अनुसार जिन फ़र्मों का डबल ए क्लास और डबल ओ क्लास कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन होता है और उन फर्म की ओर से अगर विभाग में 2 साल में एक भी टेंडर नहीं लिया, तो उनका रजिस्ट्रेशन स्वत ही निरस्त हो जाएगा। हालांकि पहले इसमें समय की बाध्यता नहीं थी केवल 12 टेंडन में भाग लेने का प्रावधान था। एक्ट में नए प्रावधानों को विभाग ने तुरंत गति से लागू करते हुए सभी फर्म संचालकों को नई प्रक्रिया से अवगत कराया है।
ठेकेदारों की क्या है पीड़ा
फर्म संचालक ठेकेदारों का कहना है कि मौजूदा दौर में बीएसआर से बिलो रेट होने के कारण काम करना मुश्किल होता है और फर्म को कांटेक्ट नहीं मिल पाता है। ऐसे में बिलो रेट के कारण काम की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है और गलत तरीके से प्रक्रिया अपनाते हुए काम को पूरा करना पड़ता है। ऐसे में इन समझौता के साथ अगर कोई ठेकेदार काम नहीं करता है तो उसके फर्म को काम मिलना बड़ा मुश्किल होगा।
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