हाथी सवारी के शुल्क में बढ़ोतरी, मालिकों को 12 साल बाद मिली राहत
सरकार ने शुल्क में बढ़ोतरी कर इन्हें राहत दी है
हाथी मालिकों ने सरकार के साथ ही पुरातत्व और पर्यटन विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है।
जयपुर। आमेर महल में संचालित हाथी सवारी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है। खासकर विदेशी सैलानी इसमें रुचि दिखाते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ हाथी सवारी के शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर हाथी मालिकों की काफी लम्बे समय से माँग थी। अब 12 साल बाद सरकार ने शुल्क में बढ़ोतरी कर इन्हें राहत दी है।
इसके लिए हाथी मालिकों ने सरकार के साथ ही पुरातत्व और पर्यटन विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है।
इनका कहना
हाथी मालिकों की लम्बे समय से माँग थी। इसे लेकर सकारात्मक कदम उठाते हुए आमेर महल में संचालित हाथी सवारी के शुल्क में अभिवृद्धि की गई है, जो एक अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगी।
- उपेन्द्र सिंह शेखावत, उप निदेशक, पर्यटन विभाग
12 साल से हाथीसवारी का शुल्क नहीं बढ़ा है। महंगाई दिनो-दिन बढ़ रही है। ऐसे में सवारी के शुल्क में कुछ बढ़ोतरी से हाथीमालिकों को राहत मिलेगी, क्योंकि हाथी की सार-सम्भाल करना आसान काम नहीं है।
- महेंद्र सिंह राठौड़, अध्यक्ष, राटो
सरकार का अच्छा निर्णय है। हाथी मालिकों की पिछले काफी समय से आमेर महल में संचालित हाथी सवारी के शुल्क में बढ़ोतरी की माँग थी। सरकार ने सकारात्मक कदम उठाते हुए इन्हें राहत दी है।
- खालिद खान, उपाध्यक्ष, एफएचटीआर
हाथी सवारी आमेर महल के आकर्षण का केंद्र है। 12 साल बाद हाथीमालिकों को राहत दी गई है। ये एक अच्छा निर्णय है।
- नरेन्द्र सिंह राठौड़, अध्यक्ष, टूरिस्ट गाइड फेडरेशन ऑफ इंडिया
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