जगदीश बिश्नोई गैंग के लिए होलसेलर की भूमिका में था ओमप्रकाश ढाका, करवाता था पेपर लीक
सका खुलासा एसओजी एडीजी वीके सिंह ने किया है
बालोतरा में मुकदमा दर्ज हुआ था, तब से ये फरार चल रही थी। इसका खुलासा एसओजी एडीजी वीके सिंह ने किया है।
जयपुर। जोधपुर रेंज पुलिस की ओर से पकड़कर एसओजी को सौंपे गए तीन इनामी अपराधियों में से 75 हजार रुपए का इनामी ओमप्रकाश ढाका पूर्व में गिरफ्तार पेपर लीक सरगना जगदीश बिश्नोई के लिए ‘होलसेलर’ का काम करता था। ढाका खुद पेपर लीक करवाता, लीक पेपर को खरीदने के लिए कैंडिडेट उपलब्ध करवाना और डमी अभ्यर्थी बैठाने का काम करता था। ढाका अब तक सैकड़ों अभ्यर्थियों को फर्जी तरीके से नौकरी लगवा चुका है। वहीं 25 हजार रुपए का इनामी सुनील बिश्नोई लीक पेपर को पढ़ाकर पास करवाने में माहिर है। ये जगदीश बिश्नोई का फार्म हाउस संभालता था। छमी बिश्नोई खुद सरकारी टीचर है। ये कई परीक्षाओं में डमी बनकर कई लोगों को परीक्षा पास करवाकर नौकरी लगवा चुकी है। इसके खिलाफ बालोतरा में मुकदमा दर्ज हुआ था, तब से ये फरार चल रही थी। इसका खुलासा एसओजी एडीजी वीके सिंह ने किया है।
अब तक 38 एफआईआर दर्ज
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि अब तक परीक्षाओं से संबंधित 38 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से 28 एफआईआर डमी अभ्यर्थी बैठाने की हैं। बाकी पेपर लीक और फर्जी डिग्री से संबंधित हैं। एसआईटी हेल्पलाइन में 2670 परिवाद प्राप्त हुए हैं। इनमें से 901 परिवाद की जांच जारी है। लोगों ने फर्जी तरीके से नौकरी पाने वालों के खिलाफ सटीक जानकारी दी है।
ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा
एडीजी सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 में पीटीआई की परीक्षा हुई थी। इसमें 1336 अभ्यर्थियों ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्री लगाई थी। इनमें से 81 युवक नौकरी पर लग गए। कई लोग अलग-अलग गैंग से जुडेÞ हैं। जब अभ्यर्थी परीक्षा पास कर लेते हैं तो उन्हें अन्य यूनिवर्सिटी से डिग्री लाकर दे देते हैं। इस केस के बाद ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। मेवाड़ समेत करीब आठ यूनिवर्सिटी की जांच की जा रही है। इसके अलावा स्पोर्ट्स सर्टीफिकेट में भी फर्जीवाड़ा हुआ है। इस संबंध में दो मुकदमे दर्ज कर कुछ लोग गिरफ्तार किए हैं। सरकार से पिछले पांच साल में नौकरी में लगे सभी लोगों का वैरिफिकेशन के लिए लिखा है। इसमें भी कई खुलासे होने की सम्भावना है।
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