NIMS Heart and Brain Stroke Center में हुआ प्रोसीजर, 20 मिनट में दिल में छेद का सफल इलाज

NIMS Heart and Brain Stroke Center में हुआ प्रोसीजर, 20 मिनट में दिल में छेद का सफल इलाज

अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल चौधरी के नेतृत्व में यह प्रक्रिया की गई है।

जयपुर। निम्स हार्ट एंड ब्रेन हॉस्पिटल ने एक नॉन इनवेसिव तकनीक तकनीक का उपयोग करके एट्रियल सेप्टल दोष यानी एएसडी से पीड़ित 20 वर्षीय रोगी का सफलतापूर्वक इलाज करके महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल चौधरी के नेतृत्व में यह प्रक्रिया की गई है।

चौधरी ने बताया कि यह एक जन्मजात ह्दय दोष है, जिसका इलाज ओपन-हार्ट सर्जरी के माध्यम से किया जाता है, जिसे साधारण शब्दों में दिल में छेद कहा जाता है। इस केस में हमने एक नया तरीका अपनाया है, जिससे इनवेसिव सर्जरी की जरूरत खत्म हो गई है। इस प्रक्रिया में सेप्टल ऑक्लुडर का इस्तेमाल किया गया, जो एक छोटा शर्ट बटन जैसा दिखने वाला उपकरण है, जिसे मरीज के पैर की नस में से गुजरने वाले कैथेटर के जरिए दिल में डाला जाता है। इस तकनीक ने सामान्य एनेस्थीसिया की आवश्यकता के बिनाए केवल 20 मिनट में ह्दय दोष को बंद करना शामिल है। इस नॉन इनवेसिव तकनीक के इस्तेमाल से मरीज को उसी दिन छुट्टी दे दी गई और उसे लगातार मॉनिटर किया गया।

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