अग्निवीर योजना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बोला अर्द्धसत्य: कांग्रेस

अग्निवीर योजना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बोला अर्द्धसत्य: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि सेना में भेदभाव हो रहा है और स्थायी सैनिकों की तुलना में अग्निवीरों को कम सम्मान, सुविधाएं मिलने के साथ ही शहादत की स्थिति में उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं मिल रहा है और उनके परिजनों को अपेक्षाकृत बहुत कम राशि दी जा रही है।

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि सेना में भेदभाव हो रहा है और स्थायी सैनिकों की तुलना में अग्निवीरों को कम सम्मान, सुविधाएं मिलने के साथ ही शहादत की स्थिति में उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं मिल रहा है और उनके परिजनों को अपेक्षाकृत बहुत कम राशि दी जा रही है।

कांग्रेस के पूर्व सैनिक विभाग के प्रमुख कर्नल रोहित चौधरी तथा सेवानिवृत्त विंग कमांडर अनुमा विदिशा ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निवीरों को लेकर गलत बयानी की है, जिसके कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। रक्षा मंत्री की आधी-अधूरी जानकारी देने से संशय का माहौल बन गया है।

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने कहा है कि अग्निवीरों के शहीद होने पर एक करोड़ रुपए उनके परिजनों को दिए जाते हैं लेकिन अब तक 13 अग्निवीर शहीद हुए हैं और सबके परिजनों को एक करोड़ रुपये की राशि नहीं दी गई है। उन्होंने इसे सेना के साथ भेदभाव बताया और कहा कि दो तरह के सैनिक नहीं हो सकते और ना ही सैनिक दो तरह से शहीद हो सकते हैं। स्थायी सैनिक और अग्निवीर सैनिक यदि शहीद होते हैं तो एक को शहीद का सम्मान मिलता है तो दूसरे को नहीं मिलता है। यह सिर्फ एक सैनिक का मामला नहीं है बल्कि शहीद हुए 13 अग्निवीरों, सेना में सेवारत अग्निवीरों और ट्रेनिंग ले रहे  अग्निवीरों तथा देश की सुरक्षा का मामला है इसलिए सरकार सेना की स्थिति पर श्वेत पत्र लाए ताकि हर चीज का बारीक विवरण उपलब्ध हो सके।

कर्नल चौधरी ने कहा कि रक्षा मंत्री ने अर्द्धसत्य संसद के पटल पर रखा है और कहा है कि अग्निवीर के परिजनों को एक करोड़ रुपये दिए जाते हैं। सच यह है कि स्थायी सैनिक के परिजनों को शहीद होने पर करीब सवा दो करोड़ रुपए मिलते हैं। अग्निवीर को शहीद का  दर्जा तक नहीं दिया जाता, जबकि स्थायी सैनिक को शहीद का दर्जा मिलता है। अब तक सिर्फ एक ही अग्निवीर शहीद के परिजनों को ही एक करोड़  रुपए दिये गये हैं।

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उन्होंने कहा कि अग्निवीर यदि पहले दिन ही शहीद  होता है तो उसके परिजनों को एक करोड़ रुपए दिए जाते हैं और चार साल तक वेतन मिलता है, लेकिन स्थायी सैनिक के परिजनों को 16 साल तक पूरी सेलरी  और ग्रेच्युटी दी जाती है। यह बहुत बड़ा भेदभाव है और इसको खत्म करने के लिए अग्निवीर योजना को समाप्त किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि  यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो इस योजना को खत्म किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सैनिक कम हो रहे हैं और सीमाओं की  सुरक्षा के लिए जवानों की संख्या घट रही हे। इसी का परिणाम है कि अर्धसैनिक बलों से जवानों को लिया जा रहा है और सैनिकों की जगह उनसे काम कराया जा  रहा है।

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कर्नल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस जनता के प्रति जवाबदेह है और जनता से जुड़े जो सवाल वह सरकार से पूछ रही है, उनका सरकार को जवाब देना चाहिए। इन मुद्दों पर सवाल करना कांग्रेस का फर्ज है। इस फर्ज को पूरा करने के लिए कांग्रेस का जनता से वादा है कि वह सड़क से संसद तक जनता  के मुद्दों की लड़ाई लड़ेगी। विपक्ष के नेता राहुल गांधी का कहना है कि देश के सैनिकों, सेना और शहीदों के साथ  भेदभाव नहीं होना चाहिए। सेना में पुरानी भर्ती प्रक्रिया लागू की जानी चाहिए और सेना के लिए चयनित 1.5 लाख युवाओं का स्थायी प्रबंधन किया जाना चाहिए।

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सेवानिवृत्त विंग कमांडर अनुमा विदीश ने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार लगातार गुमराह कर रही है।

यह योजना तुरंत खत्म होनी चाहिए, क्योंकि इस योजना को लेकर सेना से कोई बातचीत नहीं की गई थी। यदि किसी भी अग्निवीर से पूछा जाए कि क्या उसे स्थायी भर्ती चाहिए तो वह इस बात से इंकार नहीं करेगा। ऐसे में सरकार इस पर श्वेत पत्र जारी करे। सेवानिृत्त ङ्क्षवग कमांडर राजनाथ सिंह जी को भी स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अग्रिपथ योजना लाने से पहले उन्होंने सेना से सलाह लेने की बजाए किन 158 एजेंसियों से बात की। पहले लगभग 35 लाख लोग सेनाओं में आते थे, लेकिन अब केवल 10 लाख लोग आते हैं। सरकार सैनिकों के साथ राजनीति बंद करे।

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