किसानों के खिलाफ रहा मोदी सरकार का हर निर्णय, एमएसपी की दी जाए कानूनी गारंटी : कांग्रेस
सत्ता में आने के बाद सब कुछ भूल गई
सत्ता में आने के बाद सब कुछ भूल गई और किसानों को उनके हालात पर छोड़ दिया गया इसलिए पार्टी सरकार से मांग करती है कि वह किसानों को एमसपी की गारंटी दे।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा है कि उसका हर निर्णय किसानों के खिलाफ रहा है, लेकिन अब देश का अन्नदाता जाग गया है। इसलिए किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जानी चाहिए। कांग्रेस के मीडिया समन्वयक अभय दुबे ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि मोदी ने किसानों से उनकी आय दोगुना करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी की गारंटी देने जैसे कई वादे किये थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद सब कुछ भूल गई और किसानों को उनके हालात पर छोड़ दिया गया इसलिए पार्टी सरकार से मांग करती है कि वह किसानों को एमसपी की गारंटी दे।
उन्होंने कहा कि किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी मिले। सोयाबीन की फसल पर समर्थन मूल्य कम से कम 6,000 रुपए निर्धारित हो और निर्धारित समर्थन मूल्य का पैसा उन किसानों के खाते में भी जानी चाहिए जिन्होंने अपनी फसल बेच दी है। समर्थन मूल्य घोषित करने की रस्म अदायगी पर मोदी को विचार करना चाहिए। सरकार पर किसानों के साथ न्याय नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में मोदी सरकार ने किसानों के साथ जो दुर्व्यवहार किया है, उससे साफ हो गया है कि मोदी किसान विरोधी हैं। सत्ता में आते ही पहला निर्णय लिया कि राज्य सरकार धान-गेंहू एमएसपी पर 150 रुपए बोनस देगी तो हम अनाज एमएसपी पर खरीदना बंद कर देंगे। दूसरे निर्णय में कांग्रेस सरकार के समय के किसानों की भूमि का उचित मुआवजा कानून को रौंदने के लिए तीन अध्यादेश लाए गये। तीसरे निर्णय में उच्चतम नयायालय में शपथ पत्र देकर कहा गया कि गया किसानों को लागत का 50 प्रतिशत समर्थन मूल्य देने से बाजार खत्म हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोदी ने 2016 में कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी लेकिन किसान की आय 27 रुपए प्रति दिन रह गई और उन पर 74 हजार रुपए औसत कर्ज हो गया है। तब मोदी ने एक रैली में कहा कि हम विश्व की सबसे अच्छी बीमा फसल लेकर आ रहे हैं, लेकिन ये हुआ कि यह योजना निजी कंपनियों के लिए मुनाफा योजना बन गई। यही नहीं 2020 में मोदी धन्नासेठ दोस्तों के लिए तीन काले कृषि कानून लेकर आए जिससे किसानों को भारी नुकसान होता।
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