साइबर क्राइम का अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरफ्तार
गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया
एडीजी वीके सिंह और डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि अजमेर में एक महिला को वाट्सएप वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट होने का डर दिखाकर 80 लाख रुपए की ठगी की गई।
जयपुर। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन एसओजी टीम ने शनिवार को मुम्बई साइबर क्राइम का अधिकारी बनकर वाट्सअप पर डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार आरोपित राकेश गंवारिया जामडोली आगरा रोड, दिलीप कुमार मीणा हमीरपुर टोडारायसिंह नगर टोंक, संजीत कुमार बोली सवाई माधोपुरा, सुमर्थ रजनेश मलारना डूंगर सवाई माधोपुर, अंकित मीणा बोली सवाई माधोपुर, राहुल शर्मा सूरवाल सवाई माधोपुर, मनराज मलारना डूंगर सवाई माधोपुर, चैनसिंह मलारना डूंगर सवाई माधोपुर, संदीप संगरिया हनुमानगढ़, तरुण वर्मा नाहरगढ़, देवेन्द्र सिंह हनुमानगढ़, दिलखुश मीणा लालसोट दौसा, विनेश कुमार हमीरवास चूरू और ब्रज किशोरी तेमानी श्याम नगर अजमेर बाईपास रोड श्याम नगर का रहने वाला है।
एडीजी वीके सिंह और डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि अजमेर में एक महिला को वाट्सएप वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट होने का डर दिखाकर 80 लाख रुपए की ठगी की गई। मामला अजमेर में दर्ज होने के बाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन एसओजीए जयपुर में केस ट्रांसफर किया गया। इस केस में एएसपी मोहेश चौधरी के नेतृत्व में टीम ने महिला से ठगी गई राशि की जांच की तो सामने आया कि रुपए 150 खातों में ट्रांन्सफर किए हैं। इन सभी खाता मालिकों को टीम ने चिन्हित किया।
जांच में खुलासा हुआ कि ठगी की राशि विभिन्न खातों से होती हुई साइबर ठगों के मार्फत यूएसडीटी द्वारा क्रिप्टो करंसी में परिवर्तित की जा रही है। इस क्रम में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर 13 लाख रुपए, 27 मोबाइल फोन, 43 डेबिट कार्ड 19 पासबुक तथा 15 चेक बुक विभिन्न बैंकों के, 16 सिम कार्ड, 13 पेन कार्ड, आधार कार्ड, एक लैपटॉप, एक गाड़ी स्विफ्ट वीडीआई बरामद की गई। साइबर ठगों की ओर से ठगी की राशि के कमीशन को अपने मंहगे शौक पूरा करने के काम में लिया जाता था। गिरफ्तार साइबर ठगों का देशभर में कई साइबर ठगी के मामलों शामिल होने की सम्भावना है।
Comment List