उर्स की तैयारियां तेज : जगमगाया दरगाह परिसर पुनर्निमित सबीली गेट से आवाजाही शुरू, उर्स का झंडा 17 को चढ़ेगा
कायड़ विश्राम स्थली में लगने लगे शामियाने
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 814 वें उर्स के लिए 17 दिसम्बर को भीलवाड़ा का गौरी परिवार दरगाह के बुलंद दरवाजा पर झंडा चढ़ाएगा। दरगाह कमेटी ने दरगाह परिसर व कायड़ विश्राम स्थली में जायरीन की सहूलियत के लिए कई तैयारियां की हैं। दरगाह परिसर में अतिरिक्त रोशनी से गुंबद सहित अन्य क्षेत्र जगमगा उठा है।
अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 814 वें उर्स के लिए 17 दिसम्बर को भीलवाड़ा का गौरी परिवार दरगाह के बुलंद दरवाजा पर झंडा चढ़ाएगा। दरगाह कमेटी ने दरगाह परिसर व कायड़ विश्राम स्थली में जायरीन की सहूलियत के लिए कई तैयारियां की हैं। दरगाह परिसर में अतिरिक्त रोशनी से गुंबद सहित अन्य क्षेत्र जगमगा उठा है।
सबीली गेट का पुनर्निर्माण पूर्ण: कमेटी के अनुसार दरगाह की महफिल खाना के पास स्थित ऐतिहासिक सबीली दरवाजा बरसात में क्षतिग्रस्त होने के कारण उसका पुनर्निर्माण करवा दिया गया है और उसे जायरीन के लिए खोल दिया गया है।
कायड़ विश्राम स्थली में लगने लगे शामियाने: कमेटी ने दरगाह परिसर के अलावा कायड़ विश्राम स्थली में साफ-सफाई कराने के बाद जायरीन के ठहरने के लिए शामियाना लगवाना शुरू कर दिया है। विश्राम स्थली में एक साथ बीस हजार से अधिक जायरीन के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। कमेटी के अनुसार विभिन्न प्रांतों से आने वाली जायरीन की बसें व अन्य वाहन वहीं रुकते हैं।

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