कृषकों को फार्म पौंड के लिए 1.35 लाख रुपए तक अनुदान
खेत तलाई से सिंचाई की होगी जुगत
जिस कृषक के पास स्वयं के नाम एक ही स्थान पर न्यूनतम 0.3 हेक्टेयर एवं संयुक्त खातेदारी की स्थिति में भी 0.3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि हो, वे अनुदान के पात्र होंगे।
जयपुर। प्रदेश में गिरते भूजल स्तर का खेती किसानी पर सीधा असर पड़ रहा है। सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। गिरते भूजल स्तर के कारण जल के सर्वेक्षण व कुशलतम उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ और अदर इन्टरवेंशन योजना के अन्तर्गत फॉर्म पौण्ड (खेत तलाई) का निर्माण करवाया जा रहा है।
आयुक्त कृषि कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सीमान्त कृषकों को 1200 घन मीटर पर इकाई लागत का 70 फीसदी या अधिकतम 73500 रुपए कच्चे फार्म पौण्ड पर एवं इकाई लागत का 90 फीसदी या 1 लाख 35 हजार रुपए प्लास्टिक लाईनिंग फॉर्म पौण्ड और अन्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 60 फीसदी या अधिकतम 63 हजार रुपए कच्चे फार्म पौण्ड तथा इकाई लागत का 80 फीसदी या 1 लाख 20 हजार रुपए प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर जो भी कम हो, अनुदान देय है। न्यूनतम 400 घन मीटर क्षमता की खेत तलाई पर ही अनुदान देय है।
उन्होंने कहा कि जिस कृषक के पास स्वयं के नाम एक ही स्थान पर न्यूनतम 0.3 हेक्टेयर एवं संयुक्त खातेदारी की स्थिति में भी 0.3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि हो, वे अनुदान के पात्र होंगे।
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