पंचायत-निकाय चुनाव में कांग्रेस नजर आ रही है लचर
परिसीमन के बाद चुनावों की अधिसूचना जारी की जाएगी
लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर हार झेल चुकी भाजपा सतर्क हो गई है और पंचायत व निकाय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए धरातल पर पार्टी को मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है।
जयपुर। राजस्थान में इसी साल पंचायत और निकाय चुनावों की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। सत्ताधारी दल भाजपा ने अपने संगठन को मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है। वंही प्रदेश कांग्रेस अभी भी संगठन स्तर पर लचर नजर आ रहा है। प्रदेश में 11 हजार से अधिक पंचायतों और निकायों के कार्यकाल इसी साल पूरे हो रहे हैं। नए जिलों और संभागों की समीक्षा वाली कमेटी ने निकायों के परिसीमन की भी कवायद शुरू कर दी है। परिसीमन के बाद चुनावों की अधिसूचना जारी की जाएगी।
लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर हार झेल चुकी भाजपा सतर्क हो गई है और पंचायत व निकाय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए धरातल पर पार्टी को मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। वंही कांग्रेस इस मामले में पिछड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस में 2020 में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के सियासी झगड़े में संगठन पूरी तरह भंग हो गया था। पीसीसी चीफ बनाये गए गोविन्द डोटासरा कई महीनों तक पदाधिकारी नहीं बना पाए थे। धीरे-धीरे पदाधिकारियों की नियुक्ति होने लगी, लेकिन अब भी ब्लॉक स्तर से लेकर जिला और प्रदेश स्तर पर कई पद खाली हैं। अभी अनुशासन समिति के नाम पर छंटनी और नए चेहरों को मौका देने की कवायद शुरू की है, लेकिन खेमे के चक्कर में यह काम भी समय पर पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा। ऐसे में पंचायत-निकाय चुनावों की तैयारियों को झटका लग सकता है।
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