'असर खबर का' रोडवेज के दोषी अधिकारी को बचाने का प्रयास, बचाव में उतरी महिला कार्मिक

सिंधीकैंप बस स्टैंड पर बिना अनुमति के सीसीटीवी कैमरे लगाने का मामला

'असर खबर का' रोडवेज के दोषी अधिकारी को बचाने का प्रयास, बचाव में उतरी महिला कार्मिक

दैनिक नवज्योति के 29 अप्रैल के अंक में  ‘केन्द्रीय बस स्टैंड पर महिला कर्मियों की निगरानी के लिए तीसरी आंख’ नामक खबर प्रकाशित की थी।

जयपुर। राजस्थान रोडवेज में चाहे अधिकारी कुछ भी और कितनी भी बड़ी गलती कर दें, उसे अन्य साथी अधिकारी बचाने का हर संभव प्रयास करते हैं। ऐसा ही मामला सिंधी कैंप बस स्टैंड पर बिना अनुमति सीसीटीवी कैमरों के मामले में की गई जांच में देखने को मिला। एक दोषी अधिकारी को बचाने के चक्कर में जांच अधिकारी ने बिना मुख्य प्रबंधक को सूचना के ही उसकी महिला कार्मिकों के बयान दर्ज कर लिए। इतना ही नहीं, बल्कि बैक डेट में एक पत्र भी तैयार कर जांच में शामिल कर लिया है। यह लेटर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। 

मामला सिंधी कैंप बस स्टैंड पर महिला कार्मिकों की निगरानी के लिए प्रशासन की बिना अनुमति के सीसीटीवी कैमरे लगाने का है। इन कैमरों को तत्कालीन यातायात प्रबंधक हितेश जांगिड़ अपने मोबाइल पर चलाता था। इसका खुलासा तो पहले ही रोडवेज की आईटी शाखा के सिंधी कैंप बस स्टैंड पर लगे कैमरों की जांच में हो चुका था।

इसके बाद दैनिक नवज्योति के 29 अप्रैल के अंक में  ‘केन्द्रीय बस स्टैंड पर महिला कर्मियों की निगरानी के लिए तीसरी आंख’ नामक खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के निर्देश पर मामले की जांच कराई गई। रोडवेज प्रशासन ने 1 मई को अजमेर जोन के जोनल मैनेजर नवीन तिवाड़ी को पांच दिन में मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दो माह में जांच रिपोर्ट सौंपी गई। बस स्टैंड पर अनाधिकृत सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में महिला व पुरुष कार्मिकों की ओर से दिए बयानों से यह साबित हो रहा कि इन कैमरों की जानकारी इन कार्मिकों को पहले से थी। फिर भी इन कार्मिकों ने मुख्य प्रबंधक को सूचना नहीं दी। कहीं इस मामले में ये कार्मिक भी तो शामिल नहीं? 

बिना अनुमति के कैसे दिए बयान
बड़ी बात तो यह है कि इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए ना तो जांच अधिकारी की ओर से मुख्य प्रबंधक को सूचना दी गई और ना ही महिला कार्मिकों ने बयान देने के लिए अनुमति ली। महिला कार्मिकों का कहना है कि हम छुट्टी लेकर बयान दर्ज कराने गए थे। इस मामले की जांच अधिकारी ने रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को सौंप दी है। अब विभाग इन पर कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में क्या दिया, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ। सूत्रों की माने तो जांच अधिकारी ने तत्कालीन यातायात प्रबंधक को दोषी नहीं माना है।

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