दर्जनों विद्यालय के छात्र दहशत में कर रहे पढ़ाई
कई सरकारी विद्यालयों के पास नई खुद की इमारत, जिनके पास वो भी हो चुकी जर्जर
कोटा जिले में 10 से ज्यादा विद्यालयों की इमारतें बिल्कुल जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी हैं।
कोटा। कोटा में कई सरकारी विद्यालयों की हालात आज बिल्कुल जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है। जिसमें कई विद्यालयों की हालात तो इतनी गंभीर हो चुकी है कि उनमें कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कोटा जिले के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के दर्जनों सरकारी विद्यालयों की छत बारिश के दौरान टपकती हैं, तो कुछ में दिवारें टूट चुकी हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हर समय डर के साये में रहकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। बावजूद इसके इन विद्यालयों की स्थिति एक जैसी बनी हुई है। 10 से ज्यादा विद्यालयों की हालत जर्जर: कोटा जिले के करीब 1 हजार 56 विद्यालयों में से 10 से ज्यादा विद्यालय ऐसे हैं। जिनकी हालात जर्जर हो चुकी है, इन विद्यालयों की इमारतों में कई स्थानों पर दरारें आ चुकी हैं। साथ ही इनके भवनों को खुद सरकार की ओर से खतरनाक साबित किया हुआ है। कोटा में सुल्तानपुर ब्लॉक के राप्रावि नरसिंहपुरा, इटावा ब्लॉक के राप्रावि चकटोडी, राप्रावि नलावता की झौपडियां, सांगोद ब्लॉक के राउमावि आमली झाड़, राप्रावि श्रीपुरा, रामावि नांता, रामावि कूमला जागीर, राप्रावि बगावदा, राउप्रावि छतरपुरा, राउमावि अयाना, राउप्रावि डीडोरा, राउप्रावि बालापुरा और राप्रावि उदयपुरा की इमारतें जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी हैं। जिनमें पढ़ने वाले विद्यार्थी हमेशा दहशत में रहते हैं।
दर्जनों विद्यालय अभी भी बिना भवन के संचालित
कोटा जिले में जर्जर इमारतों वाले भवनों के अलावा ऐसे दर्जनों विद्यालय भी संचालित हो रहे हैं। जिनके पास खुद की इमारत तक नहीं है। ये विद्यालय या तो किराए की इमारत या सामुदायिक भवनों में संचालित हो रहे हैं। जिले में राउप्रावि गुमानपुरा नवीन, राप्रावि सूरसागर, राप्रावि सूर्यनगर और राप्रावि चन्द्रघटा नगर निगम व यूआईटी के भवनों तथ सामुदायिक भवनों में संचालित हो रहे हैं। इसी प्रकार राप्रावि संस्कृत गेंता, राउप्रावि बपावर कलां, राप्रावि कमोलर दूसरे विद्यालयों के भवन में संचालित हो रहे हैं। राप्रावि संस्कृत. शिवनगर नई रोझडी, राउप्रावि सुमन कॉलोनी और राउमावि किशोरपुरा मंदिरों में चल रहे हैं। राउमावि बृजराजपुरा प्रथम चित्तौड़ा समाज भवन में किराए पर संचालित है, राउप्रावि उदयपुरा स्वास्थ्य विभाग के, राप्रावि सुभाष नगर मोटर मार्केट की दुकानों और राउमावि नांता महल पुरातत्व विभाग के भवन में चल रहा है।
सरकार ने केवल 4 विद्यालयों के लिए किया बजट पास
कोटा जिले में 10 से ज्यादा विद्यालयों की इमारतें बिल्कुल जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी हैं। लेकिन सरकारी की ओर से केवल चार विद्यालयों के लिए नई इमारत बनाने या मौजूदा इमारत की मरम्मत के लिए बजट जारी किया गया है।
अभिभावकों का कहना है
विद्यालय की इमारत बिल्कुल खराब हो गई है, बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है। सरकार शिक्षा पर इतना जोर दे रही है। उसे विद्यालयों की इमारतों पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि पढ़ने के लिए जगह नहीं रहेगी तो बच्चे पढ़ेंगे कैसे।
- सुरेंद्र नाथवत, नांता
सरकार को शिक्षा के साथ विद्यालयों में मिलने वाली सुविधाओं और विद्यालय की इमारतों पर भी ध्यान देनी की आवश्यकता 10 से ज्यादा भवन खराब होने के बाद भी केवल चार विद्यालयों का बजट जारी करना चिंताजनक है। क्योंकि विद्यालय की इमारत को शैक्षणिक वातावरण पर भी प्रभाव पड़ता है।
- दिनेश सुमन, सुभाष नग
इनका कहना है
जर्जर विद्यालयों के की मरम्मत और नए भवन के निर्माण की कार्ययोजना बनाकर जयपुर भेजी हुई है। वहीं जिन विद्यालयों के पास भवन नहीं है उनके लिए केडीए से जमीन मांगी गई है। जमीन मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
- रूपेश सिंह, एडीपीसी, समग्र शिक्षा, कोटा
विद्यार्थियों का कहना है
विद्यालय की इमारत स्थित बहुत खराब है, उसके हर समय गिरने का डर रहता है। सालों पुरानी होने के चलते इमारत जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है। शिक्षक भी उसी में पढ़ाने को मजबूर हैं।
- सुनील वर्मा, श्रीपुरा
हमारे विद्यालय में शिक्षकों की कमी तो है ही स्कूल के पास खुद की इमारत भी नहीं है। सामुदायिक भवन में हमारी कक्षाएं चलती हैं। जहां भी अगर कोई कार्यक्रम हो जाए तो स्कूल बंद रहता है।
- रजत सिंह, किशोरपुरा
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