रसूखदारों के बच्चे पढ़ाई के लिए विदेश गए, स्कॉलरशिप स्कीम में और संशोधन की जरूरत: गहलोत
राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप स्कीम के जरिए विदेशों में पढाई करने का मामला उठा। सरकार ने इस योजना में और संशोधन की जरूरत बताई।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप स्कीम के जरिए विदेशों में पढाई करने का मामला उठा। सरकार ने इस योजना में और संशोधन की जरूरत बताई।
प्रश्नकाल में विधायक इंदिरा मीणा ने मामला उठाते हुए कहा कि सरकार ने राजीव गांधी स्कॉलरशिप स्कीम के तहत विदेशों में जाकर पढ़ाई के लिए जाने वालों के नाम मे कांट छांट की गई है। कितने नामो की छंटनी की है। स्कॉलरशिप चयन के लिए कॉलेजों के लिए नियम प्रावधानों में भी बदलाव किया गया है। मंत्री अविनाश गहलोत ने जबाव देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में 500 बच्चों को पढ़ाई के लिए विदेश भेजने में सरकारी कॉलेजों के 8 लाख बच्चों की पढ़ाई से भी ज्यादा खर्चा होता है। रसूखदारों के बच्चे विदेश भेजे जा रहे थे और गरीब किसान का बेटा वंचित रह जाता था। सरकारी कॉलेजों के बच्चों से ज्यादा खर्च को देखते हुए समीक्षा की जा रही है। इस योजना में अभी और संशोधन की जरूरत है। एसटी बच्चों की अटकी छात्रवृत्ति पर कहा कि पिछली सरकार ने केंद्र के 75 प्रतिशत हिस्सा राशि को लाने का प्रयास ही नहीं किया। हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और उस महीने के अंत तक राशि आने की संभावना है। स्कॉलरशिप के लिए कॉलेज नियमों में बदलाव की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
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