3 चुनावी राज्यों पर इंडिया ब्लॉक का फोकस, बीजेपी के लिए मुश्किल
राज्यों के नतीजे देश की राजनीति पर बड़ा असर डालेंगे
कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को लगता है कि इन राज्यों के नतीजे देश की राजनीति पर बड़ा असर डालेंगे।
नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दल लोकसभा चुनाव में अपनी कामयाबी से काफी उत्साहित है। अब वो महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। ये तीनों राज्य चुनाव के लिए तैयार हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को लगता है कि इन राज्यों के नतीजे देश की राजनीति पर बड़ा असर डालेंगे। इसलिए वो चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। उनका लक्ष्य आपसी एकता मजबूत करना और चुनाव में बढ़त हासिल करना है। इसके साथ ही सभी विपक्षी दल जम्मू और कश्मीर में होने वाले चुनावों का भी इंतजार कर रहे हैं और उसकी तैयारी में जुटे हैं। माना जा रहा है कि जम्मू और कश्मीर में भी चुनाव इन्हीं तीन राज्यों के साथ होंगे। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को लगता है कि इन राज्यों के नतीजे देश की राजनीति पर बड़ा असर डालेंगे।
झारखंड में तस्वीर साफ
झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन ने चुनाव से पहले हेमंत सोरेन को फिर से मुख्यमंत्री बनाकर अपनी रणनीति साफ कर दी है। जेएमएम नेता हेमंत सोरेन को जेल से जमानत मिलने के बाद जेएमएम-कांग्रेस-राजद-सीपीआई(एमएल) गठबंधन ने यह फैसला लिया है। विपक्षी नेताओं के मुताबिक, गठबंधन अब चुनाव से पहले जनता तक पहुंचने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए कई योजनाओं पर काम चल रहा है, जिसमें सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों का प्रचार भी शामिल है। हेमंत सोरेन खुद इस अभियान का नेतृत्व करेंगे। इस दौरान वे कई सरकारी विभागों में युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। साथ ही ऐसी बैठकें आयोजित की जाएंगी जहां बताया जाएगा कि 21 साल से अधिक उम्र की गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली हर महिला को राज्य सरकार की तरफ से मासिक आर्थिक मदद दी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक राज्य मंत्रिमंडल जल्द ही आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए नए कदम उठा सकता है। इन सभी प्रयासों का मकसद चुनाव से पहले जनता का समर्थन हासिल करना है।
महाराष्ट्र में क्या है तैयारी
महाविकास अघाड़ी में शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी (एससीपी) शामिल हैं। यह गठबंधन लोकसभा चुनावों में बीजेपी और उसके सहयोगियों के खिलाफ जीत को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी दोहराना चाहता है। एमवीए नेताओं ने अपने राजनीतिक और नीतिगत सामंजस्य के प्रदर्शन के रूप में एक समान चुनावी घोषणा पत्र के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने का संकल्प लिया है। एमवीए गठबंधन ने 11 सीटों के लिए होने वाले विधान परिषद चुनाव में भी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है, ताकि बीजेपी को एक अतिरिक्त सीट जीतने से रोका जा सके। एक एमवीए नेता ने कहा कि हालांकि सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरूआती चरण में है, लेकिन इस बात पर व्यापक सहमति है कि सहयोगियों को बिना किसी सार्वजनिक बयानबाजी के सीटों का बंटवारा अंतिम रूप देना चाहिए। विपक्षी नेताओं का कहना है कि एमवीए गठबंधन किसान और मजदूर पार्टी आॅफ इंडिया (पीएडब्ल्यू) और एसपी जैसी पार्टियों को कुछ सीटें देकर विधानसभा चुनावों में अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश करेगा। इसके अलावा, शरद पवार और उद्धव ठाकरे अपने प्रतिद्वंद्वी एनसीपी और शिवसेना से कुछ विधायकों और नेताओं को अपने पक्ष में करके चुनाव से पहले हलचल कर सकते हैं।
हरियाणा में कांग्रेस का जोश हाई
हरियाणा में आधी लोकसभा सीटें (5) जीतकर कांग्रेस का हौसला बुलंद है। वहीं, बीजेपी की सरकार लगातार तीसरी बार वापसी की कोशिश में है। इस जीत से कांग्रेस को उम्मीद है कि राज्य में बदलाव की बयार बह सकती है। राज्य में बीजेपी सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी, नेतृत्व की कमी, सहयोगी जेजेपी से अलग होना, किसानों और सैनिक परिवारों में कृषि और अग्निवीर मुद्दों पर केंद्र के प्रति नाराजगी ने कांग्रेस का उत्साह बढ़ाया है।हालांकि, कांग्रेस के नेता मानते हैं कि बीजेपी को टक्कर देने के लिए हरियाणा कांग्रेस के गुट के नेताओं के बीच आंतरिक एकता को मजबूत करना और अपने सामाजिक आधार का विस्तार करना होगा।
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