लेटिन अमेरिकी देशों को निर्यात बढ़ाने के लिए आरतिया की पहल

 19-23 दिसंबर 2024 को चिली-इंडिया बायर्स नेटवर्क 2024 में सहयोग करेगा आरतिया

लेटिन अमेरिकी देशों को निर्यात बढ़ाने के लिए आरतिया की पहल

लेटिन अमेरिकी देशों को निर्यात बढ़ाने की दिशा में आरतिया ने विशेष पहल की है और चिली में 19-23 दिसंबर 2024 को होने वाले चिली-इंडिया बायर्स नेटवर्क 2024 में राजस्थान की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

जयपुर। लेटिन अमेरिकी देशों को निर्यात बढ़ाने की दिशा में आरतिया ने विशेष पहल की है और चिली में 19-23 दिसंबर 2024 को होने वाले चिली-इंडिया बायर्स नेटवर्क 2024 में राजस्थान की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में चिली-इंडिया बायर्स नेटवर्क के आयोजक मुनेश पुरोहित जयपुर आए हैं और आज उन्होंने आरतिया के चेयरमैन कमल कंदोई के साथ राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (आरईपीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. आर. शर्मा से मुलाकात की और राजस्थान के कारोबारियों को चिली में आयोजित उक्त बायर्स-सेलर्स मीट में भागीदारी करने के संदर्भ में बातचीत की। पी. आर. शर्मा ने विश्वास दिलाया कि राजस्थान का इस आयोजन में बेहतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो, इस दिशा में सार्थक प्रयास किए जाएंगे।

चिली लेटिन अमेरिकी देशों में 24 प्रमुख देशों के बाजार का प्रवेश द्वार है, जिसमें बोलीविया, ब्रासीलिया, चिली, कोलंबिया, इक्वेडोर, फ्रेंच गुयाना, गुयाना, पेरूग्वे, पेरू, सूरीनाम, उरुग्वे, वैनेजुएला, पनामा, कोस्टारिका, एल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला और बेलिज़ा के नाम उल्लेखनीय हैं। 

मुनेश पुरोहित ने बताया कि राजस्थान में होम डेकोरेशन, हस्तशिल्प, होम टैक्सटाइल, ज्वैलरी, मेटल एवं वूडन हैंडीक्राफ्ट, होम लाइट फर्नीचर, जूते एवं चमड़ा उत्पाद, उपहार योग्य वस्तुओं आदि का उत्पादन करने वालों के लिए चिली में व्यापार बढ़ाने के अपार अवसर हैं। चिली में कारोबार करने में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वहां विक्रेता को उसके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलता है और बिक्री की रकम प्राप्ति को लेकर किसी तरह का जोखिम भी नहीं है।

विष्णु भूत एवं आशीष सराफ के अनुसार, भारत से चिली को 2022-23 के दौरान 9369.22 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था और 11519.73 करोड़ रुपये का आयात हुआ था। इस तरह व्यापार घाटा 2150 करोड़ रुपये के करीब रहा। यह व्यापार घाटा कवर हो और राजस्थान से निर्यात बढ़े, इस दिशा में आरतिया सार्थक पहल कर रही है। चिली में इस वर्ष दिसंबर माह के दौरान जो ग्लोबल ट्रेड फेयर आयोजित किया जा रहा है, उसमें राजस्थान के हस्तशिल्प एवं अन्य उत्पादों के उत्पादक सीधे अपनी स्टाल लगाए, इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है और फैसिलिटेशन भी किया जा रहा है।

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कमल कंदोई एवं प्रेम बियानी ने बताया कि आरतिया की ओर से एक पहल यह भी की जा रही है कि विश्व के प्रमुख देशों में भारत के ट्रेड-मार्ट स्थापित हों, ताकि उन ट्रेड-मार्ट में भारत से बने उत्पाद विदेशी ग्राहकों को सुलभ हों। इस दिशा में लेटिन अमेरिकी देशों में ये ट्रेड-मार्ट खुलें और एकीकृत व्यापार के लिए आधार बनें, इसके लिए आरतिया एक रोडमैप बनाकर काम कर रही है। आरतिया की कोशिश है कि ऐसा पहला ट्रेड मार्ट लेटिन अमेरिकी देशों में खुले, ताकि दूरस्थ खरीदारों को एक ही छत के नीचे सभी तरह के भारतीय उत्पाद सुलभ हो सकें। यहां आकर विदेशी खरीदार भारतीय उत्पादों की खरीद कर सकते हैं। इन ट्रेड मार्ट्स में सीधे उत्पादकों-हस्तशिल्पियों को स्पेस मिले, यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है।

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