असर खबर का - दशहरा मेला: परम्परा कायम रखने के लिए मेला समिति आज करवाएगी गणेश पूजन
आयोजन से निगम अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला : कोटा उत्तर आयुक्त ने दक्षिण आयुक्त को पत्र लिख की इतिश्री
ऐसे में राष्ट्रीय दशहरा मेला 2024 के गणेश पूजन की तिथि का निर्धारण व अन्य आवश्यक कार्यवाही के लिए आपके स्तर से निर्णय लिया जाना है।
कोटा । दशहरा मेले के आयोजन में अभी करीब तीन माह से अधिक का समय शेष है। लेकिन उससे पहले ही इसके आयोजन में टकराव विवाद की स्थिति बनने लगी है। मेले के लिए देव शयनी से पहले गणेश पूजन की परम्परा से निगम अधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया है। ऐसे में मेला उत्सव आयोजन समिति की ओर से बुधवार को सुबह 8.30 बजे श्रीराम रंगमंच पर गणेश पूजन कराया जाएगा। दशहरा मेला तो अक्टूबर में आयोजित होता है। उस दौरान देव शयन रहने से उसके कार्यक्रमों की तैयारी के लिए देव शयनी एकादशी से पहले हर साल गणेश स्थापना व पूजन करवाने की परम्परा रही है। यह आयोजन नगर निगम की ओर से होता है। जिसमें अधिकारी व मेला समिति सभी मिलकर पूजन में शामिल होते हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में बनी समिति मेले का आयोजन करती रही है। लेकिन इस बार सरकार बदल गई। ऐसे में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने एक दिन पहले स्वायत्त शासन मंत्री से मुलाकात निगम की समितियों को भंग करने का आग्रह किया था। हालांकि अभी तक समितियां भंग नहीं हुई है।
उत्तर आयुक्त ने दक्षिण आयुक्त को लिखा पत्र : असमंजस की स्थिति को देखते हुए कोटा उत्तर आयुक्त अनुराग भार्गव ने कोटा दक्षिण आयुक्त को एक पत्र लिखा है। जिसमें हवाला दिया कि कोटा उत्तर की महापौर व मेला उत्सव आयोजन समिति की अध्यक्ष का यू ओ नोट प्राप्त हुआ है। जिसमें मेले के गणेश पूजन के लिए कहा गया है। पत्र में लिखा कि वर्तमान में नगर निगम कोटा उत्तर में कोई समिति अस्तित्व में नहीं है। कोटा दक्षिण में मेला व अन्य उत्सव आयोजन समिति का गठन हुआ था। जिसमें कोटा उत्तर की महापौर को अध्यक्ष बनाया गया था। ऐसे में राष्ट्रीय दशहरा मेला 2024 के गणेश पूजन की तिथि का निर्धारण व अन्य आवश्यक कार्यवाही के लिए आपके स्तर से निर्णय लिया जाना है। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में कोटा दक्षिण आयुक्त की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया।
मेला समिति ने ली गणेश पूजन की जिम्मेदारी : नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण आयुक्त की तरफ से देव शयनी के एक दिन पहले तक गणेश पूजन के बारे में कोई निर्णय नहीं करने पर मेला समिति की अध्यक्ष मंजू मेहरा की अध्यक्षता में उनके कक्ष में मंगलवार को समिति की बैठक हुई। जिसमें सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया। लेकिन अधिकतर के किसी ने किसी कार्य में व्यस्त होने से आधे ही सदस्य बैठक में शामिल हुए। बैठक में मेला समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा के अलावा समिति के सदस्य व कोटा दक्षिण के उप महापौर पवन मीणा, सदस्य इसरार मोहम्मद, चेतना माथुर व अनूप कुमार अन्नू शामिल हुए। बैठक में गणेश पूजन की परम्परा को कायम रखने के लिए समिति की ओर से बुधवार को सुबह पूजन करवाने का निर्णय किया गया। समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा ने बताया कि देव शयनी से पहले बुधवार को सुबह 7 से 9 बजे तक गणेश पूजन का मुहुर्त है। उसमें समिति की ओर से सुबह 8.30 बजे पूजन का तय किया गया है।
समिति अपने खर्चे पर करवाएगी पूजन : मेला समिति सदस्य व कोटा दक्षिण उप महापौर पवन मीणा ने बताया कि दशहरा मेला पूरे शहर का आयोजन है। उससे पहले गणेश पूजन की परम्परा है। जिसका निर्वहन किया जाएगा। अधिकारियों की तरफ से मंगलवार शाम तक कोई निर्णय या आदेश जारी नहीं हुआ है। इस पर अब समिति की ओर से अपने खर्चे पर ही गणेश पूजन कराया जाएगा। इसमें निगम से कोई बजट नहीं लिया जाएगा। पूजन सुबह 8.30 बजे दशहरा मैदान स्थित श्रीराम रंगमंच पर किया जाएगा।
आयुक्त, महापौर व पार्षदों को खुद किए फोन : उत्तर की महापौर मंजू मेहरा ने बताया कि मेला समिति द्वारा गणेश पूजन का समय तय होने के बाद उन्होंने स्वयं कोटा दक्षिण के महापौर व अन्य सभी पार्षदों, नेता प्रतिपक्ष को पूजन में शामिल होने के लिए फोन किए हैं। साथ ही दोनों निगमों के आयुक्तों को भी फोन किए हैं। जितने भी सदस्य व अधिकारी आएंगे उनकी मौजूदगी में ही पूजन कर परम्परा को कायम रखा जाएगा।
नवज्योति ने उठाया मुद्दा
गौरतलब है कि गणेश पूजन की परम्परा को निभाने में देरी के संबंध में दैनिक नव’योति ने मंगलवार के अंक में समाचार प्रकाशित किया था। देव शयनी कल, नहीं हुआ दशहरा मेले का श्रीगणेश शीर्षक से पेज 5 पर समाचार प्रकाशित किया था। उस समाचार के बाद मेला समिति हरकत में आई। समिति ने पहल करते हुए गणेश पूजन करवाने का निर्णय किया।
अधिकारियों ने नहीं दिया कोई जवाब
गणेश पूजन को लेकर दोनों नगर निगमों के आयुक्तों को फोन कर उनसे बात करनी चाही। लेकिन किसी ने भी फोन रिसीव नहीं किया। जिससे उनकी तरफ से इस संबंध में कोई जवाब नहीं मिल सका।
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