सीवर लाइन डैमेज, टला बड़ा हादसा, मौके पर हुआ दस फीट गहरा गड्ढ़ा
बारिश के मौसम में एक तरफ नालों की सफाई नहीं होने का परिणाम सड़कों पर पानी के बहाव के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, सीवर लाइनों पर भी इसका दबाव दिख रहा है।
जयपुर। बारिश के मौसम में एक तरफ नालों की सफाई नहीं होने का परिणाम सड़कों पर पानी के बहाव के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, सीवर लाइनों पर भी इसका दबाव दिख रहा है। ऐसा ही मामला मानसरोवर स्थित बीटू बाईपास द्वारका पार्क के पास देखने का मिला जहां सीवर लाइन में लीकेज होने से करीब दस फीट गहराई एवं आठ फीट चौड़ाई में धंस गई। सीवर लाइन से यह करीब पांच साल में तीसरा मौका है जब जमीन के अंदर सीवर लाइन डैमेज हो गई और धीरे-धीरे मिट्टी के कटाव के चलते अचालक सड़क धंस गई। इससे इससे पहले वर्ष 2022 में मानसून के दौरान इसके पास ही सीवर की मुख्य लाइन डैमेज होने से उस समय भी बड़ा गड्ढ़ा हो गया था और तीन दिन तक यातायात बंद किया था। गौरतलब है कि करीब 10 दिन पहले विद्याधर नगर क्षेत्र में भी इसी तरह एक में सीवर लाइन के डैमेज होने से सड़क पर बड़ा गड्ढ़ा हो गया था, जिसे रिपेयर करने में निगम को एक सप्ताह से भी अधिक समय का लगा था।
900 एमएम की है सीवर लाइन
बीटू बाईपास द्वारका पार्क के पास डेमेज लाइन करीब 900 एमएम की है जो मानसरोवर क्षेत्र के सीवर के पानी को देहलवास स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लेकर जाती है। निगम ग्रेटर के अधिशासी अभियंता महेश शर्मा ने बताया कि इस सीवर को यहां डाले हुए 40 साल से भी अधिक समय हो चुका है। पुरानी लाइन होने और आबादी का दबाव बढ़ने के चलते अब यह लाइन जर्जर हो चुकी है और बारिश के दौरान इस लाइन पर अतिरिक्त दबाव आ जाता है इसके चलते यह लाइन डेमेज हो गई जिससे मिट्टी का कटाव होने से सड़क धंस गई।
ठीक होने में लगेंगे तीन दिन
निगम अधिकारियों ने बताया कि इसके एक हिस्सा जहां पर यह लाइन पूरी तरह से टूट गई है उसे रिपेयर करने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही इस लाइन में और आगे कहां डैमेज हुआ है उसे भी चेक करने का काम शुरू कर दिया है। इस लाइन को ठीक करने में दो से तीन दिन का समय लगेगा।
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