बूढ़ी नहरों की सूध ले तो बचे लाखों लीटर अमृत

संबंधित विभाग की अनदेखी

बूढ़ी नहरों की सूध ले तो बचे लाखों लीटर अमृत

गोठड़ा मुख्य केनाल के टेल क्षेत्र का मामला

भण्डेड़ा। गोठड़ा बांध की मुख्य केनाल में कुछ समय बाद ही किसानों की आवश्यकतानुसार नहरी पानी का प्रवाह का समय नजदीक आ रहा है।  मुख्य केनाल के टेल क्षेत्र में केनाल में झांड झखांड़ ठसे हुए है। वही केनाल की मिट्टी की दीवारें क्षतिग्रस्त हो चूकी है। पानी प्रवाह का समय नजदीक आता जा रहा है। संबंधित विभाग बूढ़ी नहरों का समय रहते ध्यान देवें, तो लाखो लीटर अमृत नदी व नालो में व्यर्थ बहने से बच जाएगां। संबंधित विभाग द्वारा बूढ़ी नहरों की अनदेखी की तो किसानों के खेतों तक समय पर नहरी पानी नही पहुंच पाएगा। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में खरीफ फसल अतिवृष्टि चपेट में आने के बाद अब किसानों को रबी फसल की बुवाई के लिए पलेवा की आवश्यकता होती जा रही है। पलेवा के लिए नहरी क्षेत्र के किसान नहरी पानी की आस लगाए बैठे हुए है। मगर इस समय गोठड़ा बांध की मुख्य केनाल पर टेल क्षेत्र की केनाल बांसी-बूंदी मार्ग के पास मिट्टी की दीवार का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो रहा है। वही केनाल में कचरा फंसा हुआ है। समय रहते विभाग ने इन्हें जरूरत की जगह पर क्षतिग्रस्त नहर को दुरूस्त नही करवाया। नहर से कचरा नही हटाया गया तो किसानों को समय पर नहरी पानी उपलब्ध नहीं हो पाएगा। वही लाखों लीटर अमृत नदी व नाले में व्यर्थ बह जाएगा। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पडेगा। समय रहते संबंधित विभाग दुरूस्त करवाएं तो किसानों को राहत मिले। मुख्य केनाल के टेल पर भी बांसी व मूण्डली दो माइनरें है। जो दोनों के हाल-बेहाल है। बारिश के समय आए बरसाती पानी से दीवारे क्षतिग्रस्त कच्ची माइनरों में झाख झखांड से भरी  हुई नजर आ रही है। ऐसे हाल देखकर इनसे पानी कैसे आगे बढेगा। इन्हें देखकर किसानों की धड़कनें बढती जा रही है। संबंधित विभाग जल्द समस्या का निराकरण करें।

संबंधित विभाग में स्टॉफ नहीं
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी कि जल संसाधन विभाग के पास इस समय कर्मचारियों का टोटा है। जिससे संबंधित विभाग के क्षेत्र की समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं होने की भी समस्या बनी हुई नजर आ रही है। टेल क्षेत्र पर दो माइनर अधिकतर जगहों पर मिट्टी की दीवारे होने से उनमें कचरा फंसा हुआ है। इनको हटाने पर ही क्षेत्र की माइनरो में आसानी से नहरी पानी पहुंच सकेंगा। तब जाकर किसानों को भी राहत मिलेगी।
- क्षेत्रीय किसानों की जुबानी

बांसी माइनर व मूण्डली माइनरों की संबंधित विभाग केनाल में पानी का प्रवाह होने से पहले नहरों की सुध लेवें, तो समय पर किसानों को नहरी पानी उपलब्ध हो पाएगा। समय से पहले बूढ़ी नहरों की मरम्मत करवाएं, तो क्षेत्रीय किसानों को भी राहत मिलें।
- गोपाल लाल शर्मा, बांसी माइनर निवासी बांसी

विभाग समय पर नहरों के झाड़झखांड व बरसाती पानी के साथ बहकर आए। ओड़े के लग रहे ढेरो को हटाए तो समय पर पानी आते ही नालियों के सहारे खेतों तक पहुंचने में आसानी होगी व नहर से व्यर्थ के बहाव होने से बचाव भी होगा। 
- धूलीलाल माली, बांसी माइनर निवासी बांसी

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जल संसाधन विभाग कभी बजट पास नही हुआ, कभी नरेगा पास नही होने की आड़ लेते हुए समय निकाल देते है। जो टेल के किसान पानी का इंतजार करते रहते है। मरम्मत के अभाव में पानी का प्रवाह कम गेज से कर दिया जाता है। किसानों की समस्या को समय रहते संज्ञान लेवें तो क्षेत्रीय किसानों को भी राहत मिले।
- बाबूलाल सैन, मूण्डली माइनर निवासी रामगंज

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संबंधित विभाग समय रहते क्षेत्रीय किसानों की समस्या को मोके पर पहुंचकर जायजा लेवें। तो नहरी पानी के दौरान व्यर्थ नीर नहीं बहेगा। जिससे किसानों के खेतों में क्षेत्रीय माइनरों द्वारा नहरी पानी आसानी से खेतों में पहुंचे।
- रामप्रकाश मीना, मुख्य केनाल गुजरियाखेड़ा निवासी

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कर्मचारियों की कमी चल रही है। नहरों की मरम्मत के लिए मनरेगा श्रमिको की सेक्शन नही मिल पा रही है। फिर भी जहां आवश्यकता होगी। वहां पर मशीन लगाकर दुरूस्त करवाया जाएगा व नहरों में उगे झाड झंखाड को हटाने के लिए मजदूरों की जरूरत होती है। मनरेगा से सेक्शन निकलवाने का प्रयास करेंगे। 
- पीसी मीना, एईएन जल संसाधन विभाग नैनवां 

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