नहरी पानी नही मिलने से धरतीपुत्र परेशान

संबंधित विभाग के प्रति एकत्रित होकर जताया आक्रोश

नहरी पानी नही मिलने से धरतीपुत्र परेशान

धरतीपुत्रों की खेतों में फसलें सिंचाई बिना मुरझाने लगी है।

भण्डेड़ा। क्षेत्र में गोठड़ा केनाल के टेल क्षेत्र में दो माइनरो में एक सप्ताह से पानी नही पहुंच रहा है। समय पर नहरी पानी नही मिलने से धरतीपुत्रों की फसलें मुरझाने लगी है। इस समस्या से परेशान मूण्डली माइनर के धरतीपुत्र मौके पर एकत्रित होकर नहरी पानी की मांग को लेकर संबंधित विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताया। जानकारी के अनुसार गोठड़ा केनाल के टेल क्षेत्र में बांसी व मूण्डली दो माइनर है। जिनमें एक सप्ताह से नहरी पानी नही पहुंच रहा है। जबकि निर्धारित समय में से कुछ समय में ही पानी का प्रवाह बंद होने का समय नजदीक आता जा रहा है। धरतीपुत्रों की खेतों में फसलें सिंचाई बिना मुरझाने लगी है। धरतीपुत्रों ने बताया कि संबंधित विभाग ने माइनर में कुछ दिन ही पानी का प्रवाह कर बंद कर दिया है। पहले सिंचाई कर हंकाई-जुताई के बाद गेहूं फसलों की बुवाई की गई थी। अब पानी उपलब्ध नही होने से फसलें मुरझाने लगी है। लगभग एक माह की रबी फसलें हो चूकी है। संबंधित अधिकारियों से समस्या को अवगत करवाते है। तो केवल आश्वासन देते हुए एक सप्ताह हो गया। नहरी पानी के प्रवाह का समय नजदीक आता जा रहा है। पर टेल क्षेत्र के किसान इस समस्या को लेकर परेशान है। 

जाम की दी चेतावनी
इस समस्या को लेकर धरतीपुत्र अणदीलाल बैरवा, दयाराम, मदनलाल, पप्पूलाल, आशाराम, मीराबाई, छोटीबाई, हीराबाई, फोरन्ता बाई आदि का कहना है कि यह पानी नही मिलेगा तो हमारी फसलें बर्बाद हो जाएगी। जल्द नहरी पानी नही मिला तो बांसी-बूंदी मार्ग पर जाम लगाया जाएगा। एक सप्ताह से सूख रही माइनर की समस्या को लेकर माइनर पर बुधवार को एकत्रित होकर संबंधित विभाग के प्रति आधे घंटे तक गहरा आक्रोश जताया गया है। क्षेत्रीय किसानों ने नाराजगी जताई है।  

किसानों की भागादौड़ी हो रही
क्षेत्रीय धरतीपुत्रों ने बताया कि यूरिया खाद के लिए वैसे ही भागादौड़ी हो रही है। अब नहरी पानी नहीं मिलने से फसलें सूखने की कगार पर है। जिम्मेदारों को अनदेखी का नुकसान किसानों के खेतों में रबी फसलें सूखने की कगार पर हैं।

धरतीपुत्रों की नहरी पानी पर जुबानी
धरतीपुत्र ने बताया कि एक माह की रबी फसले होने जा रही है। माइनर में एक सप्ताह से पानी नही आ रहा है। फसले मुरझाने से बचाने का ओर कोई स्त्रोत नही है। पानी की इस समस्या से संबंधित विभाग को अवगत करने के बाद भी पानी नही दिया जा रहा है। 
-अणदीलाल बैरवा, धरतीपुत्र निवासी माधोराजपुरा

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पहले तो अतिवृष्टि से खरीफ की फसलें नष्ट हो गई। जैसे-तैसे करके रबी फसलों की बुवाई की है। मगर अब पहला पानी ही फसलों को नही मिल रहा है। जल संसाधन विभाग माइनर के टेल तक भी पानी नही पहुंचा पा रहा है। जल्द समस्या का समाधान नही किया तो सड़क पर जाम लगाने को मजबूर होना पडेगा। 
- महावीर बैरवा, धरतीपुत्र निवासी माधोराजपुरा 

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 पहली खरीफ फसलें बर्बाद हो गई, जो हाथ खाली थे। जैसे-तैसे कर खाद बीज का इंतजाम किया गया है।  फसलें की बुवाई कर दी अच्छी ग्रोथ पर चल रही थी। मगर एक महिने बाद भी फसलों को पानी नही मिल रहा है। माइनर सूखी पडी है। संबंधित विभाग जल्द समस्या का समाधान करवाएं तो हमें भी पानी उपलब्ध हो सके। 
- छोटी बाई बैरवा, महिला किसान निवासी माधोराजपुरा

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मूण्डली माइनर में एक सप्ताह से पानी नही पहुंच रहा है। संबंधित विभाग आॅफिस में बैठकर मौज कर रहे है। यहां आए तो हमारी बर्बाद होती फसलें इन्हें नजर आए। जल्द नहरी पानी उपलब्ध नहीं हुआ, तो मजबूरन सड़क पर उतरना पडेगा।
- मीरा बाई बैरवा, महिला कृषक निवासी माधोराजपुरा

एक सप्ताह से मूण्डली माइनर में पानी नही पहुंच रहा है। हमारी रबी फसलें सूखने की कगार पर चल रही है। संबंधित विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी माइनर में पानी नही पहुंचा रहे है। हमें सड़क पर उतरने को मजबूर होना पडेगा। 
- दयाराम बैरवा, धरतीपुत्र निवासी माधोराजपुरा 

 बांध से पूरी क्षमता से पानी का प्रवाह हो रहा है। मैं कल माइनर की ओर गया था। सांवतगढ माइनर में व्यर्थ पानी जाता था। जिन्हें रोका गया है एक व्यक्ति को बिठा रखा है। वहां की फाटके टूटी हुई है। ऊपरी क्षेत्र के किसानों को भी पानी की जरूरत है। वह भी ले रहे है ज्यो-ज्यो उनकी मांग कम होगी, पानी बढ़ता जाएगा। मैं कल गया था। तब बूंदी रोड तक पानी पहुंच गया था। हमारे पास डेम में पानी पर्याप्त है। पानी देने  का समय पैंतीस दिन की जगह चालीस रोज कर दिएं है। फिर भी प्रयास करेंगे। 
- पीसी मीना, सहायक अभियंता जल संसाधन विभाग नैनवां

 

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