राजस्थान भू-जल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक पर प्रवर समिति नहीं दे सकी रिपोर्ट, सदन ने समिति का बढ़ाया कार्यकाल
नियत समय को वर्तमान तृतीय सत्र के अंतिम सप्ताह तक बढ़ा दिया जाए
भू-जल निकासी के उपयोग के लिए दरें नियत करने के लिए, राजस्थान भू-जल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण की स्थापना करने और उससे संसक्त या आनुषंगिक मामलों के लिए विधेयक लाया गया है।
जयपुर। राजस्थान भू-जल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक-2024 पर प्रवर समिति निर्धारित समय पर रिपोर्ट नहीं दे सकी। ऐसे में सदन ने समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया है। अब समिति अस सत्र के अंतिम सत्र के एक सप्ताह पहले रिपोर्ट देगी। जलदाय एवं भूजल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने सदन में प्रवर समिति के प्रतिवेदन के उपस्थापन के लिए नियत समय में वृद्धि का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि विधेयक पर गठित प्रवर समिति के प्रतिवेदन के उपस्थापन के लिए नियत समय को वर्तमान तृतीय सत्र के अंतिम सप्ताह तक बढ़ा दिया जाए। इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब प्रवर समिति की रिपोर्ट अंतिम सत्र में आएगी तो फिर उसे पर चर्चा कब होगी यह एक महत्वपूर्ण बिल है इस पर चर्चा होनी चाहिए जल्दबाजी के कारण पहले भी इस बिल को लेकर सरकार की फजियत हो चुकी है मामले की गंभीरता को देखते हुए आसन पर मौजूद स्पीकर में व्यवस्था देते हुए कहा कि अंतिम सप्ताह की बजाय अंतिम सप्ताह से एक सप्ताह पहले तक का समिति को समय दिया जाए इस पर प्रभारी मंत्री ने भी सहमति जताई इसके पास सदन्या प्रबल समिति को तीसरे सत्र के अंतिम सप्ताह से एक सप्ताह पहले बिल पर रिपोर्ट पेश करने का समय दिया। इस पर सदन ने सहमति प्रदान की।
क्या है मामला
राजस्थान भू-जल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक, 2024 (2024 का विधेयक संख्या-7) "राजस्थान राज्य के भीतर भू-जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंध करने, इनका विनियमन करने, प्रबंध के माध्यम से भू-जल संसाधनों का उचित, साम्यापूर्ण और वहनीय उपयोग सुनिश्चित करने, भू-जल निकासी के उपयोग के लिए दरें नियत करने के लिए, राजस्थान भू-जल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण की स्थापना करने और उससे संसक्त या आनुषंगिक मामलों के लिए विधेयक लाया गया है। इसे पिछले सत्र में प्रवर समिति को भेजा था।
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