UNSC में भारत की पाकिस्तान का दो टूक, कहा-जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे…’ सिंधु जल संधि और इमरान खान को लेकर बोला तीखा हमला
UNSC में भारत का पाकिस्तान पर तीखा हमला
भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए उसके दोहरे रवैये और आतंकवाद समर्थक रिकॉर्ड को दुनिया के सामने उजागर किया।
इस्लामाबाद। भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए उसके दोहरे रवैये और आतंकवाद समर्थक रिकॉर्ड को दुनिया के सामने उजागर किया। ओपन डिबेट के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश पर्वतनेनी ने पाकिस्तान में जारी राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता को उसके सीमा पार आतंकवाद के लंबे इतिहास से जोड़ा। हरीश पर्वतनेनी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और हमेशा रहेंगे।
कश्मीर पर बयान से पाकिस्तान की मंशा उजागर
भारतीय राजदूत हरीश पर्वतनेनी ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि UNSC की खुली बहस में पाकिस्तान द्वारा बार-बार जम्मू-कश्मीर का जिक्र यह दिखाता है कि वह वहां के लोगों की भलाई नहीं, बल्कि उन्हें नुकसान पहुंचाने की मानसिकता रखता है। उन्होंने दो टूक कहा कि पाकिस्तान का उद्देश्य केवल अशांति फैलाना और आतंकवाद को बढ़ावा देना है, जबकि भारत लोकतांत्रिक मूल्यों और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
इमरान खान की गिरफ्तारी पर सवाल
इसके आगे भारत ने पाकिस्तान के आंतरिक हालात पर भी गंभीर सवाल उठातेे हुए कहा कि पाकिस्तान ने अपने ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डाल रखा है और उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके आगे भारतीय राजदूत ने कहा कि अगस्त 2023 से इमरान खान भ्रष्टाचार के मामलों में जेल में बंद हैं और मई 2023 के प्रदर्शनों से जुड़े आतंकवाद-रोधी कानूनों के तहत उन पर मुकदमे चल रहे हैं। UNSC की विशेष दूत एलिस जिल एडवर्ड्स ने भी अदियाला जेल में इमरान खान के साथ कथित अमानवीय व्यवहार पर चिंता जताई है, जो पाकिस्तान में मानवाधिकार स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
असीम मुनीर और ‘संवैधानिक तख्तापलट’
भारतीय राजदूत हरीश ने पाकिस्तान के 27वें संविधान संशोधन को “संवैधानिक तख्तापलट” करार दिया। उन्होंने कहा कि इस संशोधन के जरिए सेना प्रमुख असीम मुनीर को आजीवन कानूनी प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) दी गई और उन्हें चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स बनाकर तीनों सेनाओं का प्रमुख घोषित किया गया। भारत ने इसे लोकतंत्र की हत्या और सैन्य वर्चस्व का खुला उदाहरण बताया।
पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र
इसके आगे भारतीय राजदून हरीश पर्वतनेनी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य होने के बावजूद वह लोगों को बांटने और हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहा है। इससे साफ है कि पाकिस्तान अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाने में विफल रहा है।
सिंधु जल संधि पर कड़ा रुख
भारत ने सिंधु जल संधि को लेकर भी पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। भारतीय राजदूत हरीश पर्वतनेनी ने कहा कि भारत ने 65 साल पहले इस संधि पर सहमति दी थी, लेकिन पाकिस्तान ने तीन युद्ध छेड़कर और लगातार आतंकी हमलों के जरिए इसका उल्लंघन किया। उन्होंने अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि 26 निर्दोष लोगों की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गई, क्योंकि वे हिंदू थे। भारत ने इस विषय पर अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद से बाज नहीं आता, तब तक सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार जारी रहेगा।
वैश्विक समुदाय को संदेश
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मंच से वैश्विक समुदाय को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद और लोकतंत्र एक साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान को पहले अपने घर की स्थिति सुधारनी होगी और आतंकवाद का रास्ता छोड़ना होगा।

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