संकट में जेडीबी की 7 हजार छात्राओं की जान, कॉलेज में सड़ रहा सीवरेज, सांस लेना मुश्किल
कैम्पस की एक हैक्टेयर भूमि पर सीवरेज का तालाब
कोटा संभाग का एकमात्र गर्ल्स कॉलेज जेडीबी में 7 हजार छात्राओं की जान संकट में है, यहां बालिकाएं गंभीर बीमारियों से लेकर जहरीले जीव-जंतुओं के खतरे की जद में है
कोटा। कोटा संभाग का एकमात्र गर्ल्स कॉलेज जेडीबी में 7 हजार छात्राओं की जान संकट में है। यहां बालिकाएं गंभीर बीमारियों से लेकर जहरीले जीव-जंतुओं के खतरे की जद में है। नगर निगम व केडीए की लापरवाही से कॉलेज परिसर की एक हैक्टेयर भूमि सीवरेज का तालाब बन गई। जिसमें पानी के सांप व घातक बीमारियों के मच्छर पनप रहे हैं। वहीं, झाड़-झंकाड़ों का जंगल बना हुआ है। जिसमें जहरीले जीव-जंतुओं की मौजूदगी होने से अनहोनी का डर बना रहता है। पानी भरा होने के कारण कॉलेज प्रशासन सफाई तक नहीं करवा पा रहा। दुर्गंध से छात्राओं का सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। दरअसल, जेडीबी कॉलेज की बाउंड्री से सटी आकाशवाणी व सरस्वती कॉलोनी का सीवरेज नाला कॉलेज कैम्पस से होता हुआ बारां रोड के मुख्य नाले में मिल रहा है। जिसकी बरसों से सफाई नहीं हुई। इससे आकाशवाणी व सरस्वती कॉलोनी का सीवरेज की निकासी नहीं हो रही और बारां रोड के मुख्य नाले का गंदा पानी आगे जाने की जगह वापस लौटकर कॉलेज के नाले में आकर कैम्पस में फैल रहा है। जिसकी वजह से कॉलेज की एक हैक्टयर भूमि सीवरेज का तालाब बन गया है। दुर्गंध से छात्राओं का सांस लेना मुश्किल हो रहा है।
लाइब्रेरी व ज्ञानकेंद्र के पीछे सीवरेज का दलदल
जेडीबी साइंस कॉलेज में ज्ञानकेंद्र व लाइब्रेरी के पीछे करीब एक हैक्टेयर भूमि है, जो इन दिनों सीवेज का तालाब में तब्दील हो चुकी है। जबकि, ज्ञानकेंद्र में कम्प्यूटर लैब, सेमीनार हॉल, आॅडिटोरियम है। जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अन्य शैक्षणिक गतिविधियां होती है। लेकिन, सीवरेज के कारण दुर्गंध से छात्राओं व शिक्षकों का सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। वहीं, पानी जमा होने से लाइब्रेरी व ज्ञानकेंद्र की नींव में सीलन जम रही है। जिससे दीवार ढहने का खतरा बना रहता है।
झाड़-झंकाडों का जंगल, जहरीले जंतुओं की मौजूदगी
ज्ञानकेंद्र, लाइब्रेरी व जूलॉजी लैब के पीछे कैम्पस में झाड़ झाड़ियों का जंगल हो रहा है। जिसमें सांप, बिच्छु, गोयरा सहित अन्य जहरीले जीव जंतुओं की मौजूदगी बनी हुई है। जिससे लैब जाने वाली छात्राओं की जान संकट में रहती है। छात्राओं ने बताया कि जूलॉजी लैब व ज्ञान केंद्र में कई बार सांप-गोयरा आ चुके हैं। कैम्पस में सीवरेज का पानी जमा होने के कारण कॉलेज प्रशासन सफाई नहीं करवा पा रहा। हालांकि, प्राचार्य द्वारा नगर निगम को नाले की सफाई करवाने के लिए कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं, इसके बावजूद सुनवाई नहीं की जा रही।
क्या कहती हैं छात्राएं
अनहोनी का रहता है डर
कैम्पस में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। प्रेक्टिकल करने जाने के दौरान जूलॉजी लैब में सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। वहीं, लैब के सामने नाले खुले पड़े हैं। जिसमें छात्राओं के गिरने व अनहोनी का डर बना रहता है।
-ऐशवर्या शेखावत, बीएससी सैकंड ईयर
मच्छरों की भरमार
ज्ञानकेंद्र के पीछे गंदगी का ढेर लगा हुआ है। सीवरेज की दुर्गंध से सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। गंदे पानी में मच्छर पनप रहे हैं, जिससे लाइब्रेरी व कम्प्यूटर लैब में मच्छरो की भरमार हो रही है। जिसकी वजह से छात्राएं लाइब्रेरी तक नहीं जा पाती।
-आरती कुमारी, बीएससी प्रथम वर्ष
सीवरेज के पानी में पनप रहे सांप
जूलॉजी लैब व ज्ञानकेंद्र के पीछे गंदा पानी जमा हो रहा है, जिसमें पानी वाले सांप पनप रहे हैं और झाड़ियों में छिपे जहरीले कीड़े लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब व जूलॉजी लैब में घुस आते हैं। जिनके काटे जाने से हादसे का खतरा बना रहता है। नगर निगम को नाले की सफाई करवानी चाहिए।
-अंजली मीणा, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, जेडीबी कॉलेज
सफाई हो तो बन सकते हैं खेल मैदान
कैम्पस की एक हैक्टेयर जमीन की सफाई हो तो यहां खेलने के लिए खेल मैदान बन सकता है। इस जगह पर हैंडबॉल, खो-खो व तीरंदाजी के मैदान डवलप किए जा सकते हैं। कॉलेज प्रशासन भी मैदान बनवाना चाहता है लेकिन सीवरेज के तालाब के कारण यह काम नहीं हो पा रहा।
-एनम खान, बीएससी सैकंड ईयर
दीवारों में सीलन, करंट का खतरा
जूलॉजी व ज्ञानकेंद्र में कम्प्यूटर लैब की दीवारों मेें सीलन रहने से बदबू रहती है। वहीं, पानी की नमी के कारण दीवारों पर लगे बिजली के बोर्ड में करंट का खतरा बना रहता है। वहीं, प्रेक्टिकल के कई सामान सिलन की वजह से खराब हो रहे हैं। गंदगी के कारण लैब में जाना दुश्वार हो रहा है।
-गुंजन सिंह, पलक वैष्णव, बीएससी प्रथम वर्ष
इनका कहना है
अभी तक मेरे पास इस संबंध में कोई शिकायत नहीं आई है। आपके द्वारा ही मामले का पता लगा है। मैं मौके पर जाकर देखूंगी और समाधान करवाएंगे। केडीए के संबंधित अधिकारी को भी मौके पर बुलवा लेंगे। यदि, उनके द्वारा हो सकता है तो उनसे करवाएंगे और नगर निगम से होता है तो हम कर देंगे।
-मंजू मेहरा, महापौर नगर निगम कोटा उत्तर
प्रिंसिपल द्वारा लिखे पत्र मुझे नहीं मिले हैं और न ही इस बारे में कोई जानकारी है। यदि, समस्या है तो सीधे फोन कर बात करनी चाहिए। समस्या संज्ञान में आएगी तो निश्चित ही समाधान करवाएंगे।
-अशोक त्यागी, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर
ज्ञान केंद्र व लाइब्रेरी की दीवार गिरने का खतरा
गत वर्ष केडीए ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत जेडीबी कैम्पस में लाखों की लागत से करीब 500 मीटर लंबा नाले का निर्माण करवाया था। जिसे पीछे से आकाशवाणी से व आगे से सरस्वती होते हुए बारां रोड के मुख्य नाले से जोड़ा गया। निर्माण के दौरान एक्सईएन ने नाले की ढलान पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में आकाशवाणी व सरस्वती कॉलोनी से आने वाला सीवरेज जेडीबी के नाले से होकर बारां रोड के मुख्य नाले में जाता है लेकिन बारां रोड नाले की ऊंचाई अधिक होने और चौक होने के कारण पानी वापस कॉलेज के नाले में आकर कैम्पस में फैल रहा है। समस्या को लेकर नगर निगम आयुक्त को कई बार पत्र लिखे लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। नतीजन, कॉलेज परिसर में गंदगी का अम्बार लगा है। पानी जमा होने से सफाई भी नहीं करवा पा रहे।
-प्रो. अजय विक्रम सिंह चंदेल, प्राचार्य जेडीबी साइंस कॉलेज
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