हाड़ौती की गंगा का हाल बेहाल, चंद्रभागा नदी में सफाई के दावे खोखले नजर आ रहे

नदी में विभिन्न अवसरों पर लाखों की तादात में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं

हाड़ौती की गंगा का हाल बेहाल, चंद्रभागा नदी में सफाई के दावे खोखले नजर आ रहे

उद्गम स्थल से कुछ ही दूरी पर नगरपालिका झालरापाटन द्वारा कचरे और मृत मवेशियों का डंपिंग यार्ड बना दिया गया है।

झालावाड । झालावाड़ के झालरापाटन शहर में मौजूद चंद्रभागा नदी को हाड़ौती की गंगा के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि जो लोग गंगा स्नान को नहीं जा सकते वह चंद्रभागा में डुबकी लगा ले तो उन्हें गंगा स्नान जितना पुण्य मिलता है, यही कारण है कि इस छोटी सी नदी में विभिन्न अवसरों पर लाखों की तादात में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं। खास तौर पर कार्तिक के महीने में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। ऐसा माना जाता है कि अकेले कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर ही यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं और चंद्रभागा में डुबकी लगाते हैं। जिला प्रशासन और झालरापाटन नगर पालिका द्वारा चंद्रभागा के जीर्णोद्धार एवं यहां की साफ सफाई को लेकर कई दावे किए जाते हैं, किंतु वास्तविक स्थिति की यदि हम बात करें तो यह सभी दावे खोखले नजर आते हैं, और हालात देखने के बाद तो यही लगता है कि यहां श्रद्धालुओं की आस्था के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। झालरापाटन के मुंडलिया खेड़ी तालाब के पास से इस नदी का उद्गम होता है। उद्गम स्थल से कुछ ही दूरी पर नगरपालिका झालरापाटन द्वारा कचरे और मृत मवेशियों का डंपिंग यार्ड बना दिया गया है। डंपिंग यार्ड में बड़ी तादाद में मृत जनवर डाल जा रहे हैं, जिनको कुत्ते एवं अन्य जानवर खींचकर बाहर निकाल लेते हैं तथा मृत मवेशियों के अपशिष्ट और हड्डियां नदी में जा रही है वही नदी के पानी की एक धारा इस डंपिंग यार्ड से होकर गुजर रही है इसमें लगातार यहां से गंदगी और प्रदूषण मिल रहा है। जिस स्थान पर गंदगी फैली हुई है उसे कुछ ही मीटर दूरी पर मंदिर और स्नान के लिए घाट बने हुए हैं, जहां श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं। आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि जो श्रद्धालु नदी के उद्गम स्थल तक देखने आते हैं और उन्हें इस गंदगी का ढेर यहां पर लगा हुआ नजर आता है तो वह विचलित हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर फैली तीखी दुर्गंध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार पूरे मामले को लेकर झालरापाटन नगर पालिका को शिकायत सौंपी हैं लेकिन नगरपालिका अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं है।

चंद्रभागा नदी के उद्गम स्थल पर मरे हुए जानवरों के ढेर पड़े हुए हैं, इनकी वजह से भयंकर बदबू फैल रही है, हमने कई बार इनको हटाने के लिए शिकायत की लेकिन कोई नहीं सुनता। 
- कालूलाल, स्थानीय निवासी।

हमने कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनता नहीं है, यहां पर मरे हुए जानवर, सभी तरह का कचरा और सेफ्टी टैंक से निकलती हुई गंदगी खुलेआम फेंकी जा रहा है, चारों तरफ बदबू फैली है। 
- नारायण, स्थानीय निवासी।

 तीन-चार साल से यहां पर यही हालात बने हुए हैं, यह एक पवित्र नदी है जिसको लगातार खराब किया जा रहा है, लोग इसी पानी से स्नान करते हैं, श्रद्धालुओं की भावनाओं से खिलवाड़ हो रहा है। 
 - बालचंद, स्थानीय निवासी

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यहां कचरा फेंकने वाले लोगों को कई बार मना किया, वह कहते हैं नगर पालिका ने यहां डालने के लिए कह रखा है, इसके अलावा कई बार शिकायत भी की है, यही पास में हमारा खेत है, चारों तरफ बदबू फैली रहती है। 
 - रमेश चंद, स्थानीय निवासी

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लोगों की आस्था से खिलवाड़ नहीं होने देंगे, इसको दिखवाकर शीघ्र ही कोई स्थान चिन्हित करके इस समस्या का समाधान किया जाएगा। 
- वर्षा चंदवाड, नगरपालिका अध्यक्ष, झालरापाटन 

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