असर खबर का- बायोलॉजिकल पार्क में एनक्लोजर बनाने के लिए राशि स्वीकृत,
चिड़ियाघर के वन्यजीवों की शिफ्टिंग का रास्ता होगा साफ
दैनिक नवज्योति ने रियासतकालीन चिड़ियाघर के जानवरों को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किए जाने तथा द्वितीय फेस के तहत शेष रहे 22 एनक्लोजर का निर्माण करवाने सहित विभिन्न मुद्दों पर खबरें प्रकाशित कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था।
कोटा। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में द्वितीय फेस के निर्माण कार्य व शेष रहे 22 एनक्लोजर के निर्माण के लिए सरकार ने राशि स्वीकृत कर दी है। इसके लिए वन्यजीव विभाग ने भी 25 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिए हैं। कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने विधानसभा में मुकुंदरा में वन्यजीवों के लिए पेयजल योजना स्वीकृत करने एवं अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में एनक्लोजर के लिए राशि स्वीकृत करने की जानकारी देते हुए कहा, सरकार का यह प्रावधान कोटा के वन्य पर्यटन क्षेत्र में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कोटा के वन्य पर्यटन के सम्पूर्ण विकास के लिए मुकुंदरा अभ्यारण्य में बाघों की शिफ्टिंग शीघ्र करवाई जाने की आवश्यकता है, ताकि यहां पर्यटन बढ़ सके। वहीं, बायोलॉजिकल पार्क में एनक्लोजर बनने पर चिड़ियाघर से दो दर्जन से अधिक वन्यजीवों की शिफ्टिंग हो सकेगी। इससे पर्यटकों को ज्यादा वन्यजीव देखने को मिल सकेंगे और सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा। बता दें, दैनिक नवज्योति ने रियासतकालीन चिड़ियाघर के जानवरों को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किए जाने तथा द्वितीय फेस के तहत शेष रहे 22 एनक्लोजर का निर्माण करवाने सहित विभिन्न मुद्दों पर खबरें प्रकाशित कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। जिसके बाद सरकार ने हाल ही में पेश किए बजट में बायोलॉजिकल पार्क में एनक्लोजर बनाने व द्वितीय फेस के निर्माण कार्य पूरा करवाने के लिए बजट की घोषणा की।
प्लांटेशन को सुरक्षित रखने के लिएचारदीवारी बनाने की जरूरत
विधायक शर्मा ने विधानसभा में कहा, वन एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ ही लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी हमारी ही जिम्मेदारी है, इसलिए वन क्षेत्र में बसी हुई पुरानी बस्तियों का भूमि प्रत्यावर्तन कर वन विभाग को अन्यत्र जमीन आवंटित की जाए ताकि लोगों का सुविधाएं मिल सके। इसी प्रकार भामाशाह मण्डी के विस्तार के लिए वन विभाग की भूमि की स्वीकृति, कर्णेश्वर वनखण्ड एवं आसपास के प्लांटेशन को सुरक्षित रखने व अतिक्रमण रोकने के लिए इनकी चारदिवारी ऊंची और सुदृढ़ करवाने, शहरी क्षेत्रों में प्राणवायु देने वाले जंगल विकसित करने के लिए अरबन ग्रीन लंग्स अनन्तपुरा को स्वीकृति प्रदान की मांग भी उन्होंने सदन में रखी।
कांगे्रस पर लगाए आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन में प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए कुछ नहीं किया गया, गहलोत सरकार की स्पष्ट नीति और योजना के अभाव में इन्वेस्ट राजस्थान समिट फेल हो गया। भूमि आवंटन के अभाव में एनसीआर से जुड़े प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश के इच्छुक कई बड़े निवेशक वापस लौट गए। जबकि हमारे शासन में एक स्पष्ट सोच, सकारात्मक मानसिकता और प्रदेश के विकास की प्रतिबद्धता, मजबूत इरादों के साथ राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट सबमिट का सफल आयोजन किया गया।
कोटा स्टोन पार्क स्थापनाकी मांग उठाई
शर्मा ने विधानसभा में कोटा स्टोन पार्क की स्थापना की भी मांग उठाई। उन्होंने उद्योग मंत्री से आग्रह किया है कि सरकार द्वारा बजट में स्वीकृत गोपालपुरा औद्योगिक क्षेत्र में हाड़ौती के विशिष्ट उत्पादों कोटा स्टोन, कोटा डोरिया, मांगरोल खादी, धनिये, बूंदी सेंड स्टोन, बूंदी के बासमती चावल के विनिमय के लिए विशेष व्यवस्था हो और इन पर आधारित उद्योग स्थापित किए जाए। वहीं, कोटा में ट्रेचिंग ग्राउण्ड में वेस्ट टू वेल्थ पार्क बनाकर कचरे से ईंट बनाने के उद्योग की भी आवश्यकता उन्होंने सरकार के समक्ष रखी।
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