ईडी पूछताछ मामले में कांग्रेस नेताओं का भाजपा मुख्यालय पर कूच, पुलिस ने रास्ते में रोक हिरासत में लिया
जयपुर में भाजपा मुख्यालय घेराव, कई नेता हिरासत में
ईडी की पूछताछ के विरोध में पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस ने भाजपा मुख्यालय का घेराव किया। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोककर डोटासरा समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया।
जयपुर: कांग्रेस नेताओं से ईडी की पूछताछ मामले में बुधवार को पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने पीसीसी मुख्यालय से भाजपा मुख्यालय का घेराव करने के लिए कूच किया। पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गवर्मेन्ट चौराहे पर ही रोक लिया। पुलिस ने हल्की धक्का मुक्की के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विपक्ष के मुख्य सचेतक रफीक खान सहित कई विधायक, वरिष्ठ नेता और कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कांग्रेस कार्यकर्ता बुधवार दोपहर डोटासरा के नेतृत्व में पीसीसी मुख्यालय से भाजपा मुख्यालय की तरफ मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए रवाना हुए। इस बीच जब कार्यकर्ता गवर्नमेंट चौराहे पर पहुँचे तो पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर रोक दिया। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जब बेरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें पीछे धकेला। इस दौरान डोटासरा, जूली और कई विधायक, वरिष्ठ नेता बेरिकेड्स पर चढ़कर नारे लगाने लगे। काफी देर तक चले प्रदर्शन के बाद पुलिस ने डोटासरा, जूली सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शन के दौरान विधायक मनीष यादव, युवा कांग्रेस नेता रवि सिंगदर सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल भी हुए। इससे पहले पीसीसी के बाहर मीडिया से बात करते हुए डोटासरा और जूली ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से 55-55 घंटे पूछताछ कर उन्हें परेशान किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि ईडी का केस बनता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला केवल राजनीतिक षड्यंत्र था जिसका उद्देश्य कांग्रेस नेतृत्व को डराना था।
डोटासरा ने कहा कि सत्य की जीत हुई है, इसलिए आज हम बीजेपी का घेराव कर रहे हैं। भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा जनता के सामने आ चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में शामिल होते ही नेताओं के सारे पाप माफ हो जाते हैं। जूली ने Sएसाईआर में बड़ी संख्या में काटे गए वोटरों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि 42 लाख वोट कटे, 11 लाख को नोटिस… क्या ये सब फर्जी थे? अगर वोटर पहले था तो अब कहां गया।

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