सिटी बसों के लिए प्राइवेट कम्पनियों से ली जाएंगी सेवाएं : विधानसभा में झाबर सिंह खर्रा ने दिया जवाब, विपक्ष ने जताया सरकार की कार्यशैली पर विरोध; जूली ने कहा- प्राइवेट कम्पनियों को काम सौंपकर जिम्मेदारी से बच रही सरकार
कुछ निजी कम्पनियों से बात चल रही
नई जयपुर सिटी बसों की खरीद और संचालन के मुद्दे पर सरकार ने विधानसभा में बताया कि कुछ निजी कम्पनियों से बात चल रही है।
जयपुर। नई जयपुर सिटी बसों की खरीद और संचालन के मुद्दे पर सरकार ने विधानसभा में बताया कि कुछ निजी कम्पनियों से बात चल रही है। सरकार उनकी सेवाएं लेकर लोगों को सुविधा उपलब्ध कराएगी। विपक्ष ने सरकार की इस कार्यशैली पर विरोध जताया। विधानसभा में विधायक कालीचरण सराफ ने जयपुर शहर में नई बसों की खरीद को लेकर प्रश्न किया। मंत्री के जवाब पर सराफ ने कहा कि आपने जवाब में बताया कि नियमों के हिसाब से 2400 बस होनी चाहिए, जबकि 200 चल रही है। इसमें भी 100 कबाड़ में चली जाएगी, फिर 100 बचेगी। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जवाब दिया कि राज्य सरकार की तरफ से 300 बसों के निविदा प्रक्रियाधीन है, जो इसी साल खोली जाएगी। पूरक सवाल करते हुए सराफ ने कहा कि आपके हिसाब से कुल मिला लें तो 450 बसें होंगी, जबकि नियमअनुसार आपके जवाब में 2400 की बात कही गई है यह कैसे चलेगी? 41 हजार ई-रिक्शा जो चल रहे हैं, उसमें अधिकतर बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं। मेरी सरकार से मांग है कि उनको रोके, उनके लाइसेंस रद्द करें।
मंत्री ने कहा कि जयपुर में सिटी बस संचालन के लिए कुछ निजी कम्पनियों से सेवाएं लेने पर बातचीत जारी है। बस में कंडक्टर सरकार का होगा। इन कम्पनियों की महाराष्ट्र और अन्य राज्यो में सेवाओं का अध्ययन करने के बाद हम आगे बढ़ेंगे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार प्राइवेट कम्पनियों को काम सौंपकर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है। इस पर मंत्री ने कहा कि प्राइवेट कम्पनियों केसाथ काम करने के दौरान सरकार को कार्यवाही का अधिकार होगा।
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